Loneliness And Togetherness: This Hindi poem describes loneliness of a lover. She is desperately waiting to see & meet her boyfriend and remembers the moments she has spent with him.
तुम्हे ये दिल न जाने क्यूँ ….हर पल याद करता है ,
कभी मिलने ….कभी न मिलने की ….फ़रियाद करता है ।
मैं जब भी तन्हाई में बैठ …..अपनी आँखों को बंद करती हूँ ,
तुम्हारे ख्यालों में डूब …..ये हर सवाल पढ़ता है ।
सब कुछ जान कर ….मैं तुमसे जब भी …..नज़र चुराती हूँ ,
तुम्हारे साथ बिताया हर लम्हा …..मुझे बर्बाद करता है ।
कोई इश्क में पागल हुआ ….चाहत निभाने को ,
मुझे तेरी चाहत के आगे ….अपना वजूद ….बेजार लगता है ।
ख्यालों में बसाकर …..तुमको मैंने ….कुछ इस तरह से चाहा ,
कि चाहत में मुझे अपनी ….हर किस्सा ….अब बेकार लगता है ।
तुम्हे कहने की हिम्मत ….रखती नहीं मैं ……लफ़्ज़ों से ए जाना ,
तभी लिख-लिख कर ….न जाने कितने शब्दों से …..ये फ़रियाद करता है ।
तेरी मीठी-मीठी से बातों में ….उलझ कर कहीं देखो ,
कभी सागर… कभी नदिया …..कभी भंवर ये पार करता है ।
रोज़ रातों को सोने से पहले ……ख्यालों में लाकर तुम्हे ,
यूँ किसी और की जागीर बन…. ये पाप करता है ।
तुम्हारे इतने करीब लाकर के खुद को ……ये डरता है रोज़ यूँही ,
कि क्या होगा …..कभी जब…. मिलके ये कोई उम्मीद कर बैठा ।
तब न हम संभल पाएँगे …..और न तुमको सँभलने देंगे ,
क्योंकि सैंकड़ों वो लम्हे होंगे ……जिनपर ये फक्र करता है ।
हर रोज़ एक दबी चिंगारी …..सुलग-सुलग कर ठंडी होती ,
ये हर उस दबी चिंगारी से …..शोले में बनता है ।
तुम्हे ये दिल मेरा …..हर रोज़ ……ना जाने क्यूँ …..याद करता है ,
बहुत याद करता है …..बहुत फ़रियाद करता है।
कभी सोच कर मैं …..गर भूल से… ख्यालों को जुदा कर दूं ,
तो हर जुदा ख्याल में ……ये और ख्याल भरता है ।
तुम्हे ये दिल ना जाने क्यूँ …….हर पल याद करता है ,
कुछ हसीं लम्हों की खातिर ……मुझे तेरे साथ करता है ॥
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