This Hindi poem highlights the feelings of a beloved heart in which she was ready to pour Her endless Love on Her Lover. Through this poem She expressed Her deeply thoughts that generates into Her mind during His company.
ओ साथी मेरा मन करता है ………. मैं तेरे संग झूलों पर जाऊँ ,
जहाँ एक डाल को तू पकड़े ……… और दूजी डाल पर मैं इठलाऊँ ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. तेरा-मेरा साथ न्यारा हो ,
हकीकत में ना सही ………. पर तू ख़्वाबों में हमारा हो ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. तू बाँध के बंधन हमसे ,
हर पल ये कहता रहे ……… कि जीवन अधूरा है बिन तुमसे ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. मैं तुम्हे राज़ दिल के सुनाऊँ ,
सुनाकर उन राज़ों को दिल के ……… तेरे संग और तेज़ दौड़ती जाऊँ ।
ओ साथी मुझे नींद नहीं आती है आजकल ………. तेरे सपनों में मैं खोई रहूँ ,
नित-नित नए सपने मैं बुनकर ………. अपने नैनो में उन्हें संजोती रहूँ ।
ओ साथी तुझे अपने साथ की है ये कसम ………. कि छोड़ना ना मेरा दामन सनम ,
क्या पता अनजाने में ही रह जाएँ ……… हम दोनों साथ जनम-जनम ।
ओ साथी मेरा मन कहता है ………. कि मैं हो गई हूँ तेरी दीवानी ,
लौट आई देख वापस वहीँ मैं ……… जहाँ से शुरू हुई थी अपनी कहानी ।
ओ साथी दिल बहका-बहका सा लगे ………. जब तू मेरे सामने आए ,
बिन बादल के ही इस अम्बर पर ………. घनघोर घटाएँ छाए ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. कि तू मुझे हवाओं में तेज़ दौड़ाए ,
मैं सम्भलूँ और फिर धम्म से गिर जाऊँ ……… उस शोर से मन ये डर जाए ।
ओ साथी चल तोड़ के सारे बंधन ………. हम एक-दूजे के हो जाएँ ,
इन छोटी सी मुलाकातों को ……… अपने जीवन की कड़ी बनाएँ ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. मैं संग तेरे सो जाऊँ ,
इन लम्बी काली रातों को ………. और भी गहरा बनाऊँ ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. कि तू मेरे मन में ही सदा बस जाए ,
क्योंकि मन ही ऐसा एक साधन है ……… जिसमे तू बसके सदा मुस्कुराए ।
ओ साथी मेरा मन करता है ………. कि तुझ पर इश्क़ अपना लुटाऊँ ,
कोई रोक ना सके मुझे तब ……… इतना गहरा संसार रचाऊँ ।।
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