In this Hindi poem the Lover found Himself in an uncontrollable situation as His desires forced Him to fulfill His intimacy with Her beloved but as He knows the after effects of the situation so He is ordering Her Beloved to be go away from His nice moments.
जाओ ना जाओ वरना मेरे संग तुम …….यूँही बह जाओगे ,
बिना कुछ सोचे ,बिना समझे …….बदनाम हो जाओगे ।
जाओ ना जाओ हम जानते हैं …….तुम्हारी तड़प को दिलबर ,
बिना छेड़े ,बिना कुछ बोले ……तुम यूँही जल जाओगे ।
जाओ ना जाओ देखो रात अभी ……..बहुत है लम्बी बाकी ,
बिना तूफ़ान ,बिना आग के …….तुम चिंगारी बन जाओगे ।
जाओ ना जाओ मुझे मत कहो ……..और पास आने को अभी ,
बिना पैगाम के तुम एक नया ……..पैगाम बन जाओगे ।
जाओ ना जाओ मैंने है सम्भाला ……..खुद को कैसे देखो ,
बिना उम्मीद के तुम बेवजह ……..एक जागीर बन जाओगे ।
जाओ ना जाओ मेरी बात मानो ……..मत कहो ये मुझसे ,
बिना कहे ही तुम कहने की …….एक तकलीफ बन जाओगे ।
जाओ ना जाओ वो थी मेरी खता ……तुम्हे सताने की ,
बिना शौक के तुम शौकिया ……..मेहमान बन जाओगे ।
जाओ ना जाओ मैंने सुन ली है अब …….तुम्हारे दिल की धड़कन ,
बिना आवाज़ के तुम इसको ………और बेवजह धड़काओगे ।
जाओ ना जाओ मैंने देखा तेरे होठों का …….वो प्यासा सा दरिया ,
बिना कश्ती के उसमे डूब के ………तुम फिर सँवर जाओगे ।
जाओ ना जाओ अपने जिस्म की …….. खरीद -फ़रोकत से बचके कहीं ,
बिना मोल के ही इसके दाम ……..कैसे तुम चुका पाओगे ।
जाओ ना जाओ दर्द होता है तुम्हे देखकर …….मेरे भी सीने में जाना ,
मेरे भीगे हुए नैनो को देख …….कैसे तुम अपने नयन मिलाओगे ?
जाओ ना जाओ मुझे छोड़ दो …….आज बिना पिए ही यूँही ,
मेरे बहकते हुए क़दमों को …….अब कैसे तुम गले लगाओगे ?
जाओ ना जाओ अभी वक़्त नहीं आया है ……अपने मिलन का शायद ,
फिर कैसे इस मिलन की भला ……एक आस तुम दिखाओगे ?
जाओ ना जाओ मैं टूट रहा हूँ ……..कहीं अब अंदर ,
जो तुम रुक गए अभी …….तो फिर कभी भी जा ना पाओगे ।
जाओ ना जाओ अब तो समझो ……..मेरी कश्मकश को यारा ,
मेरा ईमान जो डिग गया अभी ……तो एक पल में पल बन जाओगे ?
जाओ ना जाओ मुझे रहने दो ऐसे ही ……..अपने नशे कि चाहत में ,
इसे हक़ीक़त में गर चढ़ाया …….तो हर नशे से डर जाओगे ।
जाओ ना जाओ वरना मेरे संग तुम …….यूँही बह जाओगे ,
बिना कुछ सोचे ,बिना समझे …….बदनाम हो जाओगे ।।
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