This Hindi poem highlights the Love of two Lovers in which the beloved converted the questions of His Lover into a thought and then made a sensual fantasy of her Love to get into a dreamy night.
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ,
अपने ख्यालों में तेरे ख्यालों की ………. एक महक सजाते चले गए ।
तूने रेत से तपते बदन की ……… जो एक मिसाल दी ,
हमने उस बदन पे अपने ………. शब्दों की दी एक झड़ी ,
हर शब्द से हम अपने ……… तेरे गीत गाते चले गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।
तेरा बार-बार पूछना हमसे ……… कि हम हैं क्यूँ ……… इतने बेमिसाल ,
जो हज़ारों मील से भी पहचान लेते हैं ………. तेरी साँसों का ब्रह्मजाल ,
हम हर साँस को तेरी ……… अपनी साँस में मिलाते गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।
तेरे चेहरे का वो पसीना ……… तेरे जिस्म की वो हरकत ,
हर बार बेचैन करती थी हमें ………. दूर से दूर तलक ,
हम उस जिस्म को तेरे ……… अपने अंदर उतारते चले गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।
तेरा रोम -रोम कँपकँपाता हुआ ……… करता इधर भी एक हरकत ,
हम कहें या ना कहें ………. पर भीगते थे फलक तक ,
हर फलक पर हम अपने इश्क़ की ……… एक कहानी बनाते चले गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।
तेरा रूठ कर सँभल जाना हमें ……… करता रहा परेशाँ ,
कि क्यूँ बहारें रोक दी तुमने ………. जिन पर टिका था वो समाँ ,
फिर उस समाँ को याद करके हम भी ………कुछ देर सँभल गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।
जिस्मों का और जान का ये ……… अधूरा सा मिलन ,
कितने ख्यालों को जन्म दे ………. जिनकी बुझ ना सकी अगन ,
हम उस अगन को अपने दिल की ………एक ठंडक देते चले गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।
इन सवालों में ही तो छिपी होती है ……… एक अनोखी सी तपन ,
तुम जितने ज्यादा सवाल करते हो ………. ये उतने और दे सपन ,
हर सपन में हम तेरे तुझे ………बेइन्तिहाँ पुकारते चले गए ,
हर सवाल को तेरे हम ……… एक ख्याल बनाते चले गए ।।
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