This Hindi poem describes that if One’s Love is True and Loyal Then the Impact of Her Love can also be traced in Her Life too.
बादल को बादल में छुपते हुए देखा ,
खुशबू को फूलों में सिमटते हुए देखा ,
मैं समा जाऊँ तुम में कहीं ,
ऐसा एक सपना मैंने खुली आँखों से देखा ।
नदिया को सागर में मिलते हुए देखा ,
पहाड़ों पर किरणों को चमकते हुए देखा ,
मैं दमक जाऊँ तुम में कहीं ,
ऐसा एक शीशा मैंने तेरे सीने में देखा ।
वर्षा को धरती पर गिरते हुए देखा ,
चारों और खुशियों का आलिंगन होते हुए देखा ,
मैं बंध जाऊँ तुम्हारे मोहपाश में कहीं ,
ऐसी एक ख्वाइश को मैंने अपनी आँखों में पनपते देखा ।
लताओं को वृक्षों से लिपटते हुए देखा ,
साँपों को अपने फन में सिमटते हुए देखा ,
मैं लिपट कर खो जाऊँ तुममें कहीं ,
ऐसा एक अँगारा अपने अंदर जलते हुए देखा ।
धरती और आकाश को मिलते हुए देखा ,
भंवरों को फूलों का रस पीते हुए देखा ,
मैं बन जाऊँ अधूरी प्यास तुम्हारी ,
ऐसी एक प्यास को अपने भीतर तड़पते हुए देखा ।
चांदनी को चाँद के संग चमकते हुए देखा ,
आग को शोला बन दहकते हुए देखा ,
मैं कहलाऊँ जीवन संगिनी तुम्हारी ,
ऐसा एक बन्धन मैंने हम दोनों का देखा ।
कंगन को हाथों में बजते हुए देखा ,
बादल को ज़ोरों से गरजते हुए देखा ,
मैं भी सुना दूँ इश्क़ अपना सबको ,
ऐसा एक शोर मैंने अपने अंदर उमड़ते हुए देखा ।
पत्तों पर ओस की बूंदों को हँसते हुए देखा ,
बगिया में भंवरों को फूलों पर मंडराते हुए देखा ,
मैं भी मुस्कुरा कर तेरे संग निखार जाऊँ ,
ऐसा एक हंसी मंत्र मैंने अपने अंदर प्रज्वलित होते देखा ।
रति को काम की कामना करते हुए देखा ,
सृष्टि में नए सृजन की उत्पत्ति का गूढ़ रहस्य देखा ,
मैं भी एक नए जीवन को अपने जीवन काल में पा जाऊँ ,
ऐसा एक ख्वाब मैंने सच होते देखा ।
साधू को संतों कि वाणी बोलते हुए देखा ,
सच्चाई को खुद~ ब~ खुद सफलता में बदलते हुए देखा ,
मैंने चाहत की गर सच्चे मन से तुम्हारी ,
तो अपनी पाक मोहब्बत का असर मैंने अपनी ज़िंदगी में होते हुए देखा ।।