This Hindi poem highlights the pain of a person in which He competes with others , but get defeated and could not get His name in the result list. So in a state of depression He tried to console His heart and made it believe that one day He will be the winner too.
रो ना तू आज ये दिल …………. अपनी बर्बादी पर ,
कभी तू ही तो खुश था ना ……… अपनी आबादी पर ,
ये बर्बाद और आबाद ख्यालों की ही तो ……… महफ़िल है ,
आज ख़ुशी तो कल गम सहने की ……… एक पहेली है ।
उम्मीद से बँधा था जो दिल …………. वो टूट गया एक झटके में ,
साँसें ऐसी थम गईं जैसे भटका कोई मुसाफ़िर ……… बीच रस्ते में ,
तो क्या हुआ , अब फिर से हम खोजेंगे ……… नई मंज़िल और नया रास्ता ,
रो ना तू आज ये दिल ……… तुझे देते हैं हम खुद का वास्ता ।
फक्र हुआ था हमें भी कभी …………. अपनी क़ामयाबी को देखकर ,
और रंज है अब बहुत औरों के आगे अपनी ……… हार को स्वीकार कर ,
तो क्या हुआ , अब फिर से हम ……… उस हार को जीत बनाएँगे ,
रो ना तू आज ये दिल ……… तेरे सामने ही एक दिन एक नया जहान बसाएँगे ।
हमें लगने लगा था अब …………. कि हमने क़ामयाबी सीख ली ,
दूसरों को धराशायी करने की तरकीब ……… अपनी मुट्ठी में भींच ली ,
तो क्या हुआ , अब फिर से हम ……… नई तरकीब कोई आजमाएँगे ,
रो ना तू आज ये दिल ……… तेरे गले में अगली बार अपनी विजय माल फहराएँगे ।
नाम अपना ढूँढने को हमने …………. कई बार सूची को पढ़ लिया ,
और नाम ना मिलने पर खुद का ……… आँसुओं से इन नैनों को भर लिया ,
तो क्या हुआ , अब ये जरूरी नहीं ……… कि हर बार नाम हमारा ही चमकेगा ,
रो ना तू आज ये दिल ……… औरों की भाँति एक दिन , किस्मत का सितारा यहाँ भी दमकेगा ।
ये उम्र नहीं है अब हमारी …………. यूँ जीत और हार का जश्न मनाने की ,
ये तो बस एक बहती धारा है ……… जिसमे डूब कर इच्छा होती है कुछ गाने की ,
तो क्या हुआ , अब जो हम इस तरह से ……… ग़मगीन होकर डूबने जाएँगे ,
रो ना तू आज ये दिल ……… गर आज हारें हैं , तो कल जीत भी अवश्य ही जाएँगे ।।
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