[Hindi Poems on Love – “Saya”, “Majhi ke panne”, and “Naseeb ki baat”]
साया – Hindi Poems on Love
तुम हो जहाँ, मैं हूँ वहाँ
हर सांस में, विश्वास में|
महसूस करके देख तो,
जज़्बात में, अहसास में||
तुम्हें दूर रह कर क्या मिला?
वो भी खो दिया, जो था पास में!
मसरूफ़ इतनी खुद में थी,
की खबर ना थी, में हूँ पास में|
आजमा के मुझको देख तो,
देके हाथ मेरे हाथ में || (१)
तुम चाहती हो की मैं बोल दूं,
सारे राज़ दिल के खोल दूं
मैं कह भी दूं पर सोचता
आ जाउँ पहले होश में
बढ़ जायें न बेताबियाँ,
मदहोंशियाँ, आगोश में || (२)
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माज़ी के पन्ने – Hindi Poems on Love
आपने तो पलट दी हैं माज़ी के पन्ने
मुद्दत से दबा कर रखा था हमने!
याद आ गई वो उलफत की बातें
मुश्किल से दिल में दबाया था हमने!
वो हसीन वक़्त, मंज़र और वो लम्हें,
जो कभी साथ बिताए थे हमने!.
वो काली घटा सी उड़ती हुई जुल्फें
जिन्हें उंगलियों से संवारा था हमने!
सम्भलता नहीं दिल अब मेरा कसम से,
अब तो पलट ही गये माज़ी के पन्ने!
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नसीब की बात – Hindi Poems on Love
मैं खुश नसीब भी नहीं, मैं बदनसीब भी नहीं,
मुझे दोस्त भी मिला, पर नसीब में नहीं!
वो बेवफा भी नहीं, मैं बेवफा भी नहीं,
एक दोस्त तो मिला, पर नसीब में नहीं!
वो दूर भी नहीं, औ करीब भी नहीं,
बस इतना समझ लो की अब नसीब में नहीं!
कोई साज़िश नहीं, कोई फसाना नहीं,
अब वो अपना नहीं, बेगाना भी नहीं!
मैं खुस-नसीब ……………………..
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