कानपुर – महिला – आई आई टी कानपुर
मैं आई आई टी – कानपुर की एल्मुनस,
कभी नहीं सीखा, मुश्किलों में रोना,
क्योंकि आई आई टी कानपुर के प्रागंण में,
पल -पल बरसता है सोना,
इसकी हरी – भरी कैम्पस,
सौहार्द से भरपूर है, जीवन दायिनी है |
इको फरैन्डली है, महिला फरैन्डली है |
इसकी मिट्टी में, महिला सशक्तीकरण की खुशबू है |
मेरी आँखों के आगे, शहर एवं आई आई टी – कानपुर का, मिश्रण लहराता है |
एक ओर अनूठा कानपुर, आधुनिक शहरीकरण की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा है |
दूसरी ओर, आई आई टी कानपुर, बेहतरीन प्रोधौगिकी, की अदभुत्त मिसाले प्रस्तुत कर रहा है |
शहर का उल्लास, एवं आई आई टी कानपुर की उमंग;
दोनों मिलकर, मेरे जीवन में, विजय उल्लास भरते है,
आई आई टी कानपुर की महिला प्रतिभाएं, भरोसा दिलाती है,
की जीवन की हार-जीत, एक बादल सी आंख मिचौनी है,
जो पल में तौला है, जो पल में माशा है,
पर असल में सच्चा, सरल, नियंत्रित – जीवन ही खरा सोना है |
इस मिश्रण की छोटी – छोटी खुशियाँ;
मेरे जीवन – – – –
की, हार्ड डिस्क पर, सैंकड़ों ग्राफ खींचती हैं |
महिला दिवस के शुभ अवसर पर, मेरे पास;
शहर का विश्वास है, आई आई टी – कानपुर का अटूट वैज्ञानिक प्रेम है |
दोनों का समन्वय, मेरे सरल जीवन की आशा है ||
परीक्षा
आज परीक्षा है,
सभी जुटें हैं,
सभी सतर्क है,
क्षमता से कई गुना प्रयत्नशील,
सबको इन्तजार है,
एक अच्छे परिणाम का |
पर प्रश्नों की भरमार है |
आह ! घंटी बज गई |
सबकी सांस थम गई ||
आ गया, आ गया,
परिणाम आ गया,
ये प्रथम आ गया,
वो सफल हो गया,
वो असफल हो गया,
असफल होने वालों,
इस परिणाम को स्वीकार लो,
गलतियाँ सुधार लो,
यही परीक्षा है,
जिन्दगी परीक्षा है |
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डा० सुकर्मा थरेजा
Alumnus IIT-K(1986)
Associate Professor
क्राइस्ट चर्च कालेज
CSJM Kanpur University
Kanpur,UP,India