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Hindi Story – Bazaar
Photo credit: sri_grafix from morguefile.com
कई दिन से टाल रही थी बहुत सारे काम पड़े थे बाजार के बस आलस सा आ रहा था कौन जाए.. दरसल बड़े परिवार से होने के कारण कभी अकेले कोई काम किया ही नही वो आदत आज भी तंग करती है .. मिनी को पटाया थोडा सा काम है बस गुमटी तक जाना है प्लीज़ मेरा बच्चा मेरे साथ चलोगी? मिनी ने भी मौके का पूरा फायदा उठाया ओके मगर ज्यादा देर मत लगाना और धीरे से अपनी लिस्ट भी सुना दी मरता क्या न करता भर दी हामी संडे फिक्स हुआ …जैसे तैसे संडे का का शुभ दिन आया ..कामों की लिस्ट और सब फरमाइशें सुन कर हाँ हाँ करते हुए हम माँ बेटी निकल पड़े … गेट से ही मिनी शुरू माँ रिक्शा कर लो मैंने कहा हाँ बेटा रिक्शे से चलेंगें …फिर से बोल पड़ी कब करोगी?सामने जा तो रहे हैं रोको तो .. मैंने एक रिक्शेवाले को तय किया और सवार हो लिए …बस जी मिनी तो ऐसे शान से बैठ गयी जैसे किसी नवाब की बग्गी मे हो गर्दन एक दम सीधी उसको देख कर मेरी बेसाख्ता हँसी छूट गयी मुझे ऐसे हसता देख शरमा गयी क्या है तभी तो आपके साथ आती नही हूँ… मैंने कहा सॉरी बुरा मत मानो …
हम बाज़ार पहुंचे मिनी जी रिक्शे से कूदीं छपाक!!! पानी मे ..कुछ छींटे मेरे ऊपर भी आये और देवी जी की सूरत तो देखने लायक थी मैंने हालत की नजाकत को समझते कहा चलो बेटे पास मे नल है पहले आपके हाथ धुलवा दें …वैसे तो हाथों से ज्यादा चेहरे को पानी की दरकार थी ….अपना नेपकिन दिया हाथ मुँह पोछने को… और टेलर मास्टर की ओर बढ़ गए हमेशा की तरह मास्टर साब ने कहा आप काम निपटा लीजिए मै पांच मिनट मे पैक करता हूँ मै समझ गयी अभी लडके को भगाते हैं ये ..मैंने एक नजर अपनी बेटी पर डाली इनको लेकर कहाँ जाएँ? मै कुछ बोलती उस पहले मिनी बोल पड़ी चलो मम्मा मेरी शोपिंग कर लो तब तक… हमने कहा चलो आओ … उनकी मेचिंग की पिन रबर बेंडऔर भी जाने क्या क्या जो भी बोला मेडम ने झटपट लिया और आगे बढने के लिए मिनी की ओर अपना हाथ बढाया तो ऐसा लगा जैसे मिनी के पैर तो चिपक गए हो मैंने मुड देखा तो पैर तो नही हाँ नजर जरुर चिपक गयी थी मिनी की …. सामने चाटवाला खड़ा था रोड पार कर के मिनी की नजर और दिल दिमाग सब जाम हो गया था ..मुह के साथ साथ जैसे आँखों से भी लार टपकने को तेयार.. मम्मा गोलगप्पे!! मैंने सर से पैर तक मिनी को देखा जैसे याद दिला रही थी ये लिस्ट मे कहाँ था?और मिनी की आँखों से जवाब आया ये भी तय करने की चीज़ है मै आज तक कभी बिना खाए गयी हूँ आपने सोच भी कैसे लिया मैंने दोनों ओर देखते हुए रोड पार की ओर जाकर लग गए लाईन मे .. बहुत भीड़ जो थी उसकेपास मिनी जैसे फैन ओर मेरे जैसे लाचार दोनों तरह लोग थे धीरे धीरे बारी आ ही गयी हमारी भी … मिनी को पत्ता दिया तो घूर कर पूछा ओर आप ? आप कब से पापा हो गयी नही नही मै ले रही हूँ मैंने भी मिमियाती आवाज़ निकली … शेर बन ने का वक्त नही था … मिनी ने पूरा स्वाद लिया मगर लास्ट वाले मै मिर्च लग गयी … माँ पानी पानी मैंने बैग छान डाला शिट बोतल तो है नही मैंने कहां रुको शॉप से पानी ले लेती हू तो पीछे से आवाज़ आई माँ मिरिंडा लेना … बस मैंने कोल्ड मिनी को दिया ओर पास से गुजरते रिक्शेवाले सेअपने घर का पता बोल कर पूछा चलोगे भैय्या ? ओर उसके हाँ करते ही दन से खुद चढ़ी ओर मिनी को खींच कर रखा ओर वापस घर आ गए घर मे घुसते ही पति देव से सामना हुआ उन्होंने पूछा हो गयी खरीददारी … उनको कोई जवाब देती उस से पहले ही मिनी आ गयी ..मेरे रोकते रोकते ये बोल ही पड़े ये आपको क्या हुआ हालत क्या बना रखी है ऐसे गए थे बाजार ?? भौचक्की सी मिनी सीधे ड्रेसिग टेबल के सामने जा खड़ी हुयी मैंने रोकने का असफल प्रयास भी किया मगर जो मै इतनी देर से छिपाए थी वो जान चुकी थी मैंने प्यार से कहा हो जाता है बेटा चलो मिट्टी ही तो है अब साबुन से मुँह धो लो और कपडे बदल लो मगर जी कहाँ उसका पारा तो सातवें आसमान पर था मुझे ऐसे कार्टून बना कर पूरे मार्केट मे घुमाया सब क्या कह रहे होंगे मै अब कभी तुम्हारे साथ नही जाउंगी … बहुत खराब हो तुम अपना काम निकाल ने के लिए मेरे साथ ऐसा किया कभी बात मत करना …ओर अपने रूम मे चली गयी … मै खड़ी सोचती रह गयी क्या मेरा कोई काम हुआ क्या ….:) :०
……for my loving daughter.
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