This funny Hindi story is based on some true incidents where in people came up with hilarious combination of English words.
आज मेरे स्टूडेंट अभिमन्यु का यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेनचेस्टर से एडमिशन लैटर आया था। यह देखकर मैं बहुत खुश हुई।और तुरंत मैंने उसके मोबाइल पर कॉल लगाया पर उसका मोबाइल बंद आ रहा था तो मैंने सोचा की उसके घर पर जो लैंडलाइन फ़ोन है उस पर बात करने की कोशिश करती हूँ। बस झट से रजिस्टर में से उसका लैंडलाइन नंबर देखा और घुमा दिया। पहली बार में तो सिर्फ घंटी ही बजती रही। किसी ने फ़ोन नहीं उठाया। पर मैं तो अभिमन्यु को यह खुशखबरी देने के लिए मरे जा रही थी सो एक बार और उसका नंबर मिला दिया। सौभाग्यवश इस बार उसके घर के किसी सदस्य ने फ़ोन उठा ही लिया।
मैंने बोल की ,”हेलो ! क्या मैं अभिमन्यु से बात कर सकती हूँ ?” दूसरी तरफ से एक भारी भरकम मरदाना आवाज़ में मुझे मेरे सवाल के जवाब में एक और सवाल सुनने को मिला की ,”तू कौन है छोरी जो म्हारे अभिमन्यु से बात करने के लिए मरे जा रही है?” यह सवाल सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया और मन किया की फ़ोन में घुस कर इस आदमी की पिटाई करूँ। फिर भी मैंने खुद को काबू में रखा और बोली की,”अंकल जी ! अभिमन्यु ने हमारी एजेंसी की मदद से विदेश में पढने के लिए जिस यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए एप्लीकेशन लगायी थी वो पास हो गयी है।उसका एडमिशन लैटर आ गया है आज। बस इसी बारे में बात करनी है उससे। अगर वो नहीं है तो क्या मैं उसकी मम्मी से बात कर सकती हूँ क्या क्यूंकि आंटी जी को मालूम है इस सब के बारे में।”
तभी वो झट से बोले की ,”मैं उसका बड़ा भाई बोलू हूँ ।मेरे पल्ले तो थारी कोई बात ना पड़ी।अभिमन्यु इस टेम घर में ना है और अभी कोई “फीमेल लेडीज” भी ना है घर में इस वक़त जिससे में थारी बात करा देता।” तभी पीछे से किसी महिला ने उनको आवाज़ लगायी। यह सुनकर मैंने बोला की,”लेकिन भाईसाहब आपको अभी तो किसी औरत ने आवाज़ लगायी। उन्हीं से मेरी बात करा दीजिए।” तो इस पर वो बोले की,”यह तो अभिमन्यु की भाभी है।” तो मैंने भी उनकी चुटकी लेते हुए कहा की ,”हाँ पर भाभी भी तो “फीमेल लेडीज” होती हैं तो मैं इनसे बात कर लेती हूँ।” बात तो कर ली मैंने अभिमन्यु की भाभी से और उनको बोल दिया की जब वो घर आये तो प्लीज उसको बोले की वो हमारे ऑफिस में फ़ोन कर ले ।उनको कितना समझ में आया वो मुझे नहीं पता लेकिन इस “फीमेल लेडीज वाले कांसेप्ट” ने मेरे साथ साथ मेरे पूरे ऑफिस स्टाफ की हँसा हँसा कर हालत ख़राब कर दी।
दो दिन के बाद हमारे ऑफिस में एक यूनिवर्सिटी के स्पॉट एडमिशन होने वाले थे। हम सब उसी की तय्यारी में जुटे थे।सब बच्चों को फ़ोन कर कर के उनकी सोयी हुई स्मृति को जाग्रत कर रहे थे ताकि वो सब निर्धारित डेट पर अपने अपने डाक्यूमेंट्स के साथ हमारे ऑफिस में समय से पहुँच जाएँ। हम सब इसी में उलझे हुए थे की तभी मेरे ऑफिस वाले मोबाइल पर एक कॉल आया। मैंने फ़ोन उठाया ही था कि दूसरी तरफ जो जनाब थे वो मशीनगन की तरह मुझ पर सवालों की गोलियाँ चलाने लगे।
बोले की,”यह मेल मिली थी हमको आपकी कंपनी की तरफ से। यह “यूके” पढने भेजते हैं आप ? ” “यूके” जाकर पढने का क्या फ़ायदा है ? किसी विदेशी कंट्री में नहीं भेजते क्या ? और “यूके” में नौकरी करने का क्या लाभ ? वहाँ कौन सी नौकरियाँ धरी हैं ?” यह सब सुनकर मुझे उनके सामान्य ज्ञान के स्तर का अंदाज़ा हो गया था। मैंने कहा की ,”देखिए हमारी मेल जो आपको मिली है उसमे “यूके” का मतलब उत्तराखंड नहीं है। यहाँ “यूके” का मतलब है “यूनाइटेड किंगडम” और यह एक फॉरेन कंट्री है।” मेरा जवाब सुनकर वो जनाब थोड़ा सा तिलमिला गए और बोले की,”हम औरतों से ज्यादा बात नहीं करते हैं। कोई “मेल जेंट्स” है ऑफिस में तो हमारी बात उनसे करवाइए।” मैंने कहा ,”माफ़ कीजिए सर ! अभी कोई “मेल जेंट्स” ऑफिस में नहीं है। सब फीमेल लेडीज ही हैं।” यह सुनकर वो महाशय बोले की ठीक है वो बाद में फ़ोन करके किसी मेल जेंट्स से ही बात करना पसंद करेंगे।
और उन भाईसाहब के फ़ोन रखते ही मैं और मेरी सहकर्मी हँस हँस कर लोटपोट हो गए (ऊपर वाले की कृपा रही हम सब पर की हँसते हँसते हम सब के प्राण नहीं निकले)। और लोटपोट होते भी क्यूँ ना आखिरकार अंग्रेजी शब्दों का इस तरह का नया और फनी कॉम्बिनेशन रोज़ रोज़ थोड़े ना सुनने को मिलता है।
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