(व्यंग्य – और निकल गयी हवा ! Funny Hindi Short Story: …And Tyre was Flattened! – When I and my three friends, on an old scooter, went to market , police stopped us for breaking law as we were three on two wheeler, read Hindi funny story)
सरायढेला में बिग बाज़ार जब से खुला , रामखेलावन तो रामखेलावन झगडू भी ले जाने के लिए मेरी नींद हराम करने लगा . बहुत बहाना बनाया न जाने के लिए. लेकिन अंत में फंस ही गया. पोंछ – पांछ के वयोवृद्ध वेस्पा स्कूटर पर हम तीनों मजे से सवार हो गये . मेरा मन तो शंकित था कि रास्ते में चेकिंग –वोकिंग होने पर कहीं लेने के देने न पड जाय . तीन सवारी चढ़ना सरासर गैर कानूनी था. मैंने इस ओर इशारा भी किया ओर कहा ,
“या तो आप या झगडू ओटो से आ जाओ ,”
लेकिन रामखेलावन अड़ गया . कहा ,’ पूरी फेमली लेकर लोग चलते हैं तो कौन धरता – पकड़ता है ? चलिए कुछ नहीं होगा , होगा भी तो देखा जायेगा , हम हैं न !
’मैं भी समझा एक रोज में क्या होगा ? हम तीन सवारी मस्ती में बैठे उड़े जा रहे थे . दोनों तो मजा से गप्पें हांक रहे थे , लेकिन मेरा मन डरा – डरा सा था. सामने गोल बिल्डिंग के पास चेकिंग हो रही थी. तीन सिपाही खड़े होकर अपनी मूंछों पर ताव दे रहे थे. उसमें से एक ने हमें देखकर छडी के इशारे से रोक दिया .रामखेलावन अपना परिचय दिया , रूतबा दिखलाया , लेकिन सब व्यर्थ. सिपाहियों ने दोनों पहिये की हवा निकाल दी. आँखें तरेर कर कड़ी आवाज में बोला , ‘
शर्म नहीं आती, बूढ़े होकर गैर कानूनी काम करते हो और ऊपर से धौंस जमाते हो ? ’
मेरी तो सिट्टी – पिट्टी गुम हो गयी , लेकिन रामखेलावन पूरी दिलेरी के साथ अकड़ गया और सवाल के बदले सवाल ठोंक दिया ,
‘ क्या गैर कानूनी काम हमने किया है , किसी को पकड़ते हो तो किसी को छोड़ देते हो, यह पीक एंड चूज़ क्यों ? यह गैर कानूनी नहीं है क्या ? सबके साथ एक सा सलूक होना चाहिए . यह मत सोचो कि हम अंधे हैं , कुछ नहीं देखते हैं – कुछ नहीं समझते हैं ? ’
तीसरा सिपाही सामने आ गया और डपट कर बोला, ‘ मालूम नहीं है कि दोपहिया पर तीन सवारी करना कानूनन जुर्म है , इसलिए तुमलोग को तो जुर्माना देना ही होगा. ज्यादा चप्पर – चप्पर करोगे तो अन्दर भी कर देंगे . हवा तो अभी हमने तुम्हारे स्कूटर की निकाली है , जरूरत पड़ने पर तुम्हारी भी हवा निकाल देंगे . समझे मिस्टर क्रिमिनल ? ’
रामखेलावन कहाँ माननेवाला था ! गुस्से में कांपते हुए बोला,’हम तुमलोगों को क्रिमिनल लगते हैं ? ठहरो जरा अगला इलेक्सन जीत कर आने दो तो देखना हम तुम्हारी किस प्रकार हवा निकालते हैं !”
स्थिति बाताबाती से लातालती तक पहुँचने पर आ गयी. इसलिए मुझे बीच – बचाव करना पडा, ‘ जाने दो रामखेलावन , ये अज्ञानी हैं . इन्हें नहीं पता ये क्या कर रहें हैं ? इन्होंने केवल तुम्हारी ही हवा निकाल दी है. हवा निकालना तो इनका धर्म है. ये तो क्रिमिनलों का कम सामन्य लोंगों की हवा अधिक निकालते हैं . इन्होंने हवा निकाल दी और तुमने हवा निकालने की धमकी दे डाली. चलो, बात बराबर हो गयी. गुस्सा को पान की पीक की तरह थूक दो तो अच्छा है.”
‘ हुजूर ! बात बराबर कैसे हो जायेगी ? यह गलत बात है .’
“क्या गलत है या क्या सही है मैं उसपर बहस नहीं करना चाहता . इस संसार में हर आदमी एक दूसरे की हवा निकालने की चक्कर में रहता है. वाईफ हसबैंड की हवा निकाल देती है. मकान मालिक किरायेदार की हवा निकाल देता है. महाजन कर्जदार की हवा निकालने की फ़िराक में रहता है. वी.वी. आई. पी. हेलिकोप्टर की खरीदारी पर विपक्ष ने सरकार की हवा निकाल दी. गुजरात के चुनाव को ही ले लो , नरेन्द्र मोदी जी ने राहुल गांधी जी की हवा निकाल दी . हाल ही में टीम इंडिया ने आस्ट्रेलिया की हवा निकाल दी. यह धरती ऐसे हजारों उदाहरणों से पटी पडी है . कितना गिनाऊँ ? ’ रामखेलावन ! सब वक़्त – वक़्त की बात है. मौका मिलना चाहिए , तो फिर मेरी चाल देख लो . कल अपुन के भी दिन आयेंगें तो ……… हम भी निकाल देंगे . रामखेलावन ! दूसरों की हवा निकालना इस दुनिया की रीति है.
सिपाही नंबर तीन ने तेज आवाज में डपट कर हुक्म फ़रमाया , ‘ ज्यादा लेक्चर मत दीजिये , रसीद लीजिये , निकालिए तीन सौ रूपये जुर्माना. आप सब पर जुर्माना लगा दिया गया है.”
उनका हुक्म सुनकर , सच मानिये , मेरी भी हवा निकल गयी .
व्यंगकार : दुर्गा प्रसाद ,
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