मेरे हाथ में कुत्ते की चेन थी और मैं इधर-उधर देखे जा रहा था. कुत्ता गायब हो चुका था, या यूँ कहें भाग चुका था. मेरी मति मारी गई थी, जो मैंने सृष्टि को impress करने के चक्कर में उसके हाथों से जैकी की चेन ले ली थी…सृष्टि जॉगिंग कर रही थी, और किसी भी समय अपना चक्कर पूरा करके वापस आने वाली थी. मैं भाग कर पूरे पार्क की खाख छान आया, पर मेरे कुत्ते का कहीं अता-पता नहीं था. सृष्टि ने मेरे हाथों में खाली चैन देखी और जोर से चीख पड़ी…आधा पार्क सेहत पर ध्यान देने की बजाये हमारी ओर ध्यान देने लगा था.
“समर जैकी कहाँ है? “- सृष्टि ने रोद्र रूप धारण कर दिया था, और मैं कोना तलाश कर रहा थी, की कहाँ सबकी नज़रों से छुप जाऊं.
“वो अभी वापस आ जाएगा”- मैंने गुस्से में पानी डालने की कोशिश की..
“मैं घर वापस जब तक नहीं जाउंगी, जब तक जैकी वापस नहीं आ जाता, कहाँ होगा मेरा बेबी…सुबह से एक बिस्किट तक नहीं खाया था”- सृष्टि वहीँ पार्क की बेंच पर बैठ गई.
ऐसा नहीं था की मैं पशु प्रेमी नहीं था, लेकिन इस जैकी ने जितनी importance सृष्टि की life में बना ली थी, उतनी मैं आज तक नहीं बना पाया था. इसलिए वो एक-मात्र ऐसा जानवर था, जिससे मैं जलता था.
खैर पत्नी का आदेश था, और पति को जाना पड़ा. ये पतियों के आदेश पालन की परंपरा सतयुग से चली आ रही है. सीता जी के आदेश पे राम हिरन दोंधने निकल गए थे, और कलयुग में मैं कुत्ता ढूँढने.
खैर पैदल जाने की बजाये, दौड़ लगा दी… आस-पास के दुकानें जो खुली थी, उनमें से एक दुकान में जैकी के बारे में पूछा.
“अरे भाई साब, कुत्ते देखते रहेंगे, तो customer कौन देखेगा….दिमाग विमाग है आपको….सबेरे-सबेरे टाइम पास करने चले आते हैं…………” वो जनाब आगे भी कुछ कहना चाह रहे होंगे, पर मैं तुरंत वहां से निकल लिया.. थोड़ी दूर पे एक पान की दुकान दिखी…
पान की दुकान पे जाने से पहले आपको, थोडा पान की दुकान के बारे में बता देता हूँ… पान की दुकान एक ऐसी जगह है, जहाँ पान बनाने और खाने के अलावा काफी चीज़ें होती है.. फलाना की लड़की मोहल्ले के किस लड़के के साथ भाग गई है, फलां लड़का आवारा है, या फलाना लड़की बदचलन है, रात देर-देर से घर आती है….सारी चीज़ों का ब्यौरा पान वाले के पास होता है… कुछ-कुछ बातें जो लड़का-लड़की को अपने बारे में तक नहीं पता होती, वो कत्था-चुना लगाते हुए पान वाला अपने ग्राहकों को बता रहा होता है. पुलिस तक को किसी मुजरिम का पता लगाने इनकी ज़रुरत पढ़ती है… इसलिए समाज में पान की दूकान का काफी महत्व है.
मैं भी जैकी का पता लगाने पान वाले के पास चला गया.. और पान वाले के सामने अपना दुखड़ा रो दिया…
“कुत्ते तो भाई साब बहुत घूमते हैं. अभी थोड़ी देर पहले ही एक कुत्ता भागता हुआ गया यहाँ से….नहीं नहीं….वो तो गुप्ता जी के घर जा रहा होगा….सुबह-सुबह बिस्किट डालते हैं ना वो….”
मैंने पान वाले को एक पान बनाने के लिए कहा….ऐसी दुकानों का नियम होता है, कि वो तब तक मुद्दे की बात पे नहीं आयेंगे, जब तक उनसे कुछ खरीदा न जाए..”
“पामेरियन कुत्ता , सफ़ेद रंग का….हम्म… वो तो १०-१५ मिनट पहले भागा है..”- पान वाले आँखों देखा हाल सुनाने लगा…मेरी आँखें ख़ुशी से चौड़ी हो गई…
“एक भूरी रंग की कुतिया रहती है, कम्मो…बड़ी बदमाश है, ये जो कल्लू-भूरा दो आवरा कुत्ते हैं ना….उसी के पीछे दम हिलाते घूमते-रहते हैं.. पर मजाल है कम्मो एक पे भी घास डाल दे…शुरू से ही लोकल कुत्तों को मुंह नहीं लगाया उसने…हमेशा से उसको बाहर के, विदेशी ब्रीड के कुत्ते पसंद आये हैं.. पिछले महीने तक टॉमी आता था, इस पार्क में. बस उसको देखते ही, सुबह से पार्क के बाहर बैठ जाती थी.”
मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था, जिस प्रकार से पान वाला कम्मो की पूरी जनम पत्री सुनाये जा रहा था, मानो मैं अपने बेटे का रिश्ता उससे करने जा रहा हूँ, और लड़की के चाल-चलन के बारे में पूछ रहा हूँ….खैर मैं सुनना चालू रखा…
“हाँ भाई साब….पर टॉमी का लफड़ा था, जूली से.. अल्सेशियन कुतिया थी…बस ये बात कम्मो को पता चली और बस अपने प्यार को पाने के लिए कम्मो, जूली से झगड़ पड़ी…और जूली के चेहरे पे नाख़ून मार दिया.. टॉमी को जब ये बात पता चली, तो जो थोडा बहुत वो कम्मो को देखके पूँछ हिलाता था, वो भी उसने बंद कर दी.”
“बस…फिर जनाब वो दुबली होने लगी…कालू, भूरा हँसते थे बिचारी पर… भों भों….विदेशी ब्रीड…विदेश ब्रीड…भों…भों करके चिडाते थे उसको….फिर तुम लोगों का कुत्ता आया..जैकी.. जैकी ने एक दिन कम्मो को देख के दम हिला दी… बस कम्मो का मानो सोता हुआ प्यार जाग गया… कम्मो नो बहुत दिनों बाद रात को भरपेट बिस्किट खाए…वर्ना कितने लोग खाना डाल के जाते थे, पर मजाल है, कम्मो खा ले.”
ये आदमी है या ज्योतिष…मैं समझ नहीं पा रहा था, इसे तो इसकी उपलब्धि के लिए इसे पद्म भूषण तो कम से कम मिलना ही चाहिए..
“10-15 दिन से आग दोनों तरफ बराबर लगी थी. मुझे तो पता था की आज नहीं तो कल भगा के ले जायेगी आपके जैकी को…”
“आप पहले से जानते थे ?”- मैं हतप्रभ था…
“अजी हम तो मुर्दा सूंघ के बता देते हैं, कि किस ग़म में मरा है…फिर ये तो मामूली बात है.. और सुनिए…आप लोगो के डर के कारण जैकी ने अभी तक ये कदम नहीं उठाया था. खासकर आपकी पत्नी जो जोर से उसकी चेन पकड़ी रहती थी, कई बार कम्मो के मन में आया, आपकी पत्नी को काट ले…लेकिन जैकी का मुंह देख के चुप हो जाती थी. आज देखिये भगा के ले गई.. भाई मानना पड़ेगा कम्मो को, जिद्दी तो थी. विदेशी ब्रीड पे ही हाथ मारा.”
मैं आगे बात ना बढ़ाते हुए मुद्दे की बात पे आ गया…
“जी मेरा कुत्ता ?”
पान वाले ने सुपारी मेरी तरफ बढाते हुए कहा…
“आप फिकर मत कीजिये….आपका कुत्ता विदेशी है, मौज-मस्ती करके वापस आ जायेगा… देसी होता तो दिक्कत होती.. अब तक तो वापस आ भी गया होगा, ये विदेशी ब्रीड वाले सब काम जल्दी कर लेते हैं.”
ये सुनकर मुझे पड़ी तसल्ली हुई की मेरा कुत्ता विदेशी है. भाई मौज-मस्ती तो उसका जनम सिद्ध अधिकार है. मैं पार्क वापस लौट आया. पत्नी बेंच पे बैठ के नारियल पानी पी रही थी. मेरे हाथ में खाली चेन देख के उसने जैकी के बारे में पूछा.
“चिंता मत करो…वो घर पहुँच चुका है. और हमारा इंतज़ार कर रहा है.. – मैंने बड़े आत्मविश्वास से कहा.
जैसे ही हम गली में घुसे एक भूरे रंग की कुतिया बाहर निकल रही थी, घर पहुँच के देखा जैकी दरवाज़े के पास खड़ा बगल वाली कुतिया की ओर देख के दम हिला रहा है.
मैं भाग के जैकी के पास गया और उसको गले लगा लिया..
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