This funny Hindi story is about a housewife who try to explore some funny ways to kill her boredom and finally get kicked by a cow.

Funny Hindi Story – And I fall down!
Photo credit: xenia from morguefile.com
घर पर बैठे बैठे मुझे बहुत बोरियत हो रही थी। बाहर बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही थी तो बाहर घूमने तो जाया नहीं जा सकता था । और सोने पर सुहागा यह की दो घंटे से बिजली भी नहीं थी वर्ना टीवी देखकर की टाइम पास कर लेती। और रसोई का और घर के बाकी छोटे मोटे काम तो मैंने सुबह ही निपटा दिए थे। दिमाग में बस एक ही सवाल चल रहा था की समय कैसे काटूँ।
तभी ख्याल आया की आज क्यूँ ना अपनी किसी पुरानी सहेली से फ़ोन पर गप्पे मार ली जाएं। बस फिर क्या था झट से फ़ोन उठाया और घुमा दिया आरती अग्रवाल का नंबर। वो भी जैसे फ़ोन को अपने से चिपकाए बैठी थी।पहली ही घंटी में उसने फ़ोन उठा लिया। इससे पहले की मैं कुछ कहती उसकी तूफ़ान एक्सप्रेस शुरू हो गई। हम दोनों ने तक़रीबन ४० मिनट तक गप्पे मारीं। चलो कम से कम चालीस मिनट तो निकले किसी तरह।
अभी तक बिजली नहीं आई थी पर बाहर बारिश थम चुकी थी और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। तो मैं बाहर बालकनी में जाकर खड़ी हो गई।मैंने देखा की साथ वाले घर में जो नए पड़ोसी आए थे (गुडगाँव से) उस परिवार की एक अधेड़ उम्र महिला ठेले पर सब्ज़ी बेचने वाले भैया से मगजमारी कर रही थी।आंटी ने उससे कहा की ,”अरे भाई यह टमाटर ठीक दाम पर लगाओ।अगर २० रुपये किलो लगाते हो तो दो किलो ले लूँगी।” सब्जी वाले भैया को कन्नड़ के अलावा कोई और भाषा आती नहीं थी। वो बोले जा रहे थे कि ,”ना माँ 25 रुपीस माँ (दक्षिण भारत में महिलायों और लड़कियों को माँ कहकर ही संबोधित किया जाता है )।” आंटी को गुस्सा आ गया।तमतमाते हुए बोली की ,”अरे माँ होगी तेरी बीवी।मैं क्या तेरे को माँ की उम्र की दिखती हूँ ? चल जा यहाँ से नहीं लेने मुझे तेरे से टमाटर।” ठेले वाले को हिंदी बेशक ना समझ आई हो पर वो यह समझ गया की आंटी ने उससे सब्जी नहीं लेनी है और वो ठेला लेकर आगे चला गया। मेरी तो हँसी का फव्वारा ही छूट गया।
यह सब देखकर मुझे एक पुराना किस्सा याद आ गया। शादी के पहले जब मैं दिल्ली में रहा करती थी तब हमारे घर के पीछे वाली मार्किट में एक टेलर की छोटी सी दुकान हुआ करती थी।एक बार जब मैं टेलर की दुकान पर अपना सूट लेने पहुँची तो मेरे साथ साथ एक बुजुर्ग अंकल भी पहुँचे।इससे पहले मैं कुछ कहती वो अंकल टेलर से बोले की ,”अंकल जी ! मेरी पौती का सूट रेडी हो गया क्या ?” मैं फटी से आँखों से उनकी तरफ देखने लगी।इतने में उस हाज़िरजवाब टेलर का जवाब आया ,”अरे नहीं बेटा जी अभी रेडी नहीं हुआ है।आप कल २ बजे के बाद आना।” यह सुनकर मैं अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमाकर दांतों को भींच कर हँसने लगी। यह आंटी अंकल कह कर बुलाने का कल्चर बुरा नहीं है लेकिन कुछ लोग इसका कुछ ज्यादा ही फ़ायदा उठाते हैं।
खैर मैं अन्दर कमरे में वापस लौट गयी।मुझे थोड़ी थोड़ी भूख लगने लगी थी।फ्रिज खोल कर देखा तो पपीता सड़ गया था।खाने लायक नहीं बचा था। उसको मैंने बाहर निकाल कर टेबल पर रख दिया। फिर अपने लिए मैंने अमरूद निकाला और खाने लगी।खाते खाते मन में विचार आया की क्यूँ ना यह पपीता गाय को डाल दिया जाए। वैसे भी हमारे घर के सामने जो खाली प्लाट पड़ा है वहां रोज़ ही गायों का झुण्ड खड़ा रहता है। फटाफट अमरुद खाकर पपीते को पॉलिथीन में डाला और घर को ताला मारकर सामने वाले खाली प्लाट की और चल पड़ी जहाँ गायों का झुण्ड खड़ा रहता है।
मेरा अंदाज़ा सही निकला। चार पाँच गाय खड़ी थी वहाँ। पास की झुग्गी वाले कुछ बच्चे भी खेल रहे थे वहीँ पर। मैंने पपीते को लिफाफे से निकाला और झुण्ड की एक गाय की तरफ बड़ गई।मैंने पपीता अभी उस गाय के आगे डाला ही था की इतने में एक दूसरी गाय ने मुझे पीछे से दुलत्ती मार दी और मैं ज़मीन पर गिर पड़ी। इससे पहले की मैं खुद को संभालती मैंने देखा वो बच्चे जो वहीँ खेल रहे थे मुझ पर हँस रहे थे।उसमे में से एक शैतान लड़की बोली की ,”हे हे हे आंटी ! आप तो गिर गयीं। आंटी और खिला दो पपीता गाय को।” मुझे गुस्सा भी आ रहा था और हँसने का भी मन कर रहा था। वो तो अच्छा हुआ की किसी और ने मुझे गिरते हुए नहीं देखा।
मैं झटपट उठी,कपड़े झाड़े और घर वापस लौट आई। घर के अन्दर प्रवेश करने के बाद उस बच्ची की बात याद करके मैं खुद पर ही खूब हँसी। आज तो वाकई में बढ़िया टाइम पास हो गया था।
***