This Hindi story is about a boy’s one sided love for a girl but when his destiny changes his love take a new turn.He got his love after four year.
आज 4 साल बाद मैं अपने शहर कानपुर वापस आया,आज से 4 साल पहले 22की उम्र में मैं शहर छोड़ कर मुंबई चला गया था एक स्क्रिप्ट राइटर बनने के लिए।आज मैं स्क्रिप्ट राइटर हूँ।मैने कई फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखी,बहुत पैसा कमाया वो सब कुछ पाया जिसकी चाहत इंसान रखता है पर मैं दिल से कभी भी खुश नही हुआ।मैं कानपुर स्टेशन के बाहर खड़ा अपने दोस्त विनय का इंतज़ार कर रहा था,तभी मुझे कोई जानी पहचानी आवाज़ सुनाई दी,मैने पीछे मुड़ कर देखा तो मेरी धड़कने एक पल के लिए थम सी गयी,वो लड़की कोई और नही मधु थी।वही मधु जो मेरे साथ स्कूल में पढ़ती थी,वही जिसे मैं प्यार करता था।वो अपनी किसी सहेली के साथ थी शायद उसने मुझे नही देखा।मैने उससे बात करना चाहा पर मेरे कदम उसकी ओर ना बढ़ सके।एक-एक करके सारी यादें ताज़ा हो गयी।
मैं 11साल का था जब मैने उसे पहली बार देखा था और मैं उससे प्यार करने लगा था पर कभी उससे जाहिर नही किया।वो सिर्फ़ मुझसे बात करती थी और किसी से नही,मेरे और उसमे हमेशा प्रतियोगिता रहती थी की कौन प्रथम आएगा।कभी वो तो कभी मैं प्रथम आता था।उसे जब भी कभी कुछ पूछना होता तो था वो मुझसे पूछती थी और मुझे भी जब कभी कोई काम पड़ता था तो मैं उससे ही मदद माँगता था।
स्कूल का आख़िरी साल और आख़िरी महीना था जब मैने उससे अपने प्यार का इज़हार करने का तय कर लिया था।उस दिन हमारा 12वीं का कंप्यूटर प्रैक्टिकल था.
वैभव,तुम्हे सब कुछ तैयार है।उसने मुझसे पूछा।
हाँ,पर फिर भी थोड़ा डर लग रहा है।मैने उससे कहा।
मेरा ध्यान प्रैक्टिकल में कहाँ था मेरा ध्यान तो उसमें लगा था,मैने सोच लिया था की आज मैं उससे अपने प्यार का इज़हार करके रहूँगा।
क्या पूछा जा सकता है?उसने मुझसे पूछा।
चार्ट का तैयार कर लो इसी से पूछा जाएगा।मैने उससे कहा और उसे उसके चार्ट से कुछ प्रश्न बताए जो पूछे जा सकते थे।
थोड़ी देर बाद मुझे प्रैक्टिकल के लिए बुलाया गया।जब मैं प्रैक्टिकल देकर वापस क्लास में आया तो उसने मुझसे पूछा-“तुमसे क्या पूछा गया था.”
मैने वो सब बताया जो मुझसे पूछा गया था।
तुमने सब का जवाब दे दिया था।उसने फिर पूछा.
हाँ।मैने कहा।
उसके बाद मैं क्लास के बाहर चला गया थोड़ी देर में वो भी बाहर आ गयी।
मधु।मैने उसे आवाज़ दी।
क्या?उसने पूछा।
मुझे तुमसे कुछ पूछना है।मैने कहा।
क्या?उसने पूछा।
तुम बुरा मत मानना।मैने कहा।
उसे शायद अंदाज़ा हो गया था की मैं उससे क्या पूछना चाहता हूँ।
कोई इधर-उधर की बात नही होनी चाहिए सिर्फ़ पढ़ाई की होनी चाहिए।उसने थोड़ा घबराहट के साथ कहा।
पढ़ाई की नही है।मैने कहा।
तो फिर मत पूछो।उसने मुझसे कहा।
नही,मैं पूछूँगा,तुम पहले प्रैक्टिकल दे दो फिर मैं पूछता हूँ।मैने कहा और मैं वहाँ से हट गया।
मैं नही चाहता था की उसका प्रैक्टिकल खराब हो इसलिए मैने उसे पहले प्रैक्टिकल देने के लिए कहा।
वो प्रैक्टिकल देकर वापस क्लास में आई तो वो बहुत खुश थी।
कैसा हुआ?मैने उससे पूछा।
बहुत अच्छा गया मुझसे जो कुछ भी पूछा मैने सब बता दिया।मधु ने कहा.
मैने उससे अपनी बात कहने की कोशिश की लेकिन उसके साथ उसकी सहेलियाँ थी इसलिए मैने उससे उस समय कुछ नही कहा।उसके बाद उस दिन मुझे उससे कुछ भी कहने का मौका नही मिला ना किसी और दिन पर मैने अपनी बात उस तक उसकी एक सहेली के ज़रिए पहुँचा दी पर उसका कोई जवाब नही आया उसके बाद से मैं उससे नही मिल पाया।स्कूल ख़त्म होने के बाद भी मैने उससे मिलने की बहुत कोशिश की पर मेरी उससे कभी भी मुलाकात नही हो पाई।
एक दिन किस्मत से हम मिल गये थे वो कोचिंग जा रही थी और मैं भी उसी रास्ते से जा रहा था पर उससे कुछ भी कहने की मेरी हिम्मत नही हुई लेकिन फिर कभी हमारी मुलाकात हो ना हो ये सोच कर मैने उससे बात की।
तुम क्या कर रही?मैने पूछा।
Bsc. ।उसने कहा।
कहाँ से?मैने पूछा।
उसने मुझे अपने कॉलेज का नाम बताया।
अभी कहाँ जा रही हो?मैने पूछा।
कोचिंग।उसने कहा।
कुछ देर तक मैने कुछ नही पूछा उसके पूछने का इंतज़ार करने लगा पर उसने जब कुछ नही पूछा तो मैने ही फिर पूछा-“कोचिंग कहाँ से कर रही हो और कौन सी?”
SSC और नाम बैग में पीछे लिखा है।उसने मुझसे कहा।
उसकी बातों से लग रहा था की वो मुझसे बात नही करना चाहती है।मैने भी इसके बाद उससे कुछ नही कहा।तब तक वो रास्ता भी ख़त्म हो गया और हम अलग-अलग रास्ते पर मुड़ गये।
अगले दिन मैं फिर उसी रास्ते से निकला वो फिर मिली।
गुड मॉर्निंग।मैने कहा।
प्राब्लम क्या है?उसने कहा।
कुछ नही।मैने धीरे से कहा मेरी आवाज़ ही जैसे थम गयी।
तो फिर आगे चलो या पीछे।उसने कहा।
मैं आगे चलता हूँ कह कर मैं उससे आगे चला गया।मुझे अहसास भी नही हुआ की कब मेरी आखें भर गयी पर मैने खुद को संभला और रास्ता बदल कर चला गया उसके बाद वो कई बार मुझे दिखी पर ना तो हमें बात करने का मौका मिला ना ही हमने कोशिश की।
उसके प्यार ने मुझे कमजोर कर दिया था मैं पढ़ने में बहुत अच्छा था पर धीरे-धीरे मैं पढ़ाई में कमजोर होता गया,मेरे हर सपने ऐसे बिखरते जा रहे थे जैसे मोती किसी माला से टूट कर बिखर जाते हैं।जो लोग मेरी इज़्ज़त करते थे उनसे मैं नज़रें भी नही मिला पा रहा था।मुझे IIT करना था पर मैं एंट्रेन्स एग्ज़ॅम पास नही कर सका।एक दो साल मैं बहुत बर्बाद हुआ कुछ भी नही समझ आता था की क्या करें।
मैने उससे मिलने की बहुत कोशिश की उसे फ़ेसबुक पर खोजा मिली तो पर उसने मुझे ब्लॉक कर दिया।
मैं इसी सोच में डूबा था की किसी ने मेरा नाम पुकारा,मैने नज़रें उठा कर देखा तो मधु थी।वो मेरे पास आई।
कैसे हो?उसने मुझसे पूछा।
मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था की जिस लड़की से बात करने के लिए मैं इतना परेशान था वो आज इतने साल बाद मुझसे खुद बात कर रही थी।
अच्छा हूँ।मैने अपने चहरे पर मुस्कान लाते हुए बोला।
बहुत साल बाद दिख रहे हो,कहाँ थे?उसने पूछा।
मैं मुंबई में था।मैने कहा।
वहाँ क्या करते हो?उसने पूछा।
स्क्रिप्ट राइटर हूँ और तुम।मैने कहा।
मैं बैंक में जॉब करती हूँ और आई.ए.स की तैयारी भी कर रही हूँ।उसने मुझसे कहा।
मैं कुछ नही बोला आज वो खुल कर बात कर रही थी वो बहुत बदल गयी थी कभी वो मुझसे बात भी नही करना चाहती थी और आज………..।
शादी की।उसने मुझसे पूछा।
अभी नही और तुमने।मैने कहा।
नही,पर तुमने अभी तक क्यूँ नही की?उसने पूछा।
मैने कुछ नही कहा।तभी मेरा दोस्त विनय वहाँ आ गया,आते ही वो मुझसे गले लग गया।
कैसे हो मेरे दोस्त?विनय ने पूछा।
अच्छा।मैने कहा।
अब मैं चलता हूँ।मैने मधु से कहा और अपने दोस्त के साथ चलने लगा।
कल शाम को मुझे चिड़िया घर में मिल सकते हो?मधु ने मुझसे पूछा।
ठीक है।मैने कहा और चल दिया।
रास्ते में मेरे दोस्त ने मुझे उससे दूर रहने के लिए कहा वो नही चाहता था की मैं फिर से उसके चक्कर में पङू।विनय मेरे और मधु के बारे में सब कुछ जानता था,उसने मुझे पूरी तरह से बर्बाद होते हुए देखा था।कितने साल मैने अपनी जिंदगी के बर्बाद कर लिए थे।बहुत मुश्किल से मैने खुद को संभाला था उसे भूलने के लिए ही तो मैं अपनी रेलवे की नौकरी छोड़ कर मुंबई चला गया था।आज जब उसका प्यार मेरे सीने में कहीं दफ़न हो गया है तो वो मुझसे मिलना चाहती है।
मैने तय कर लिया की मैं उससे मिलने नही जाऊगा पर अगले दिन शाम होते-होते मेरा मन बदल गया मैं खुद को उससे मिलने जाने के लिए रोक नही पाया।
शाम को मैं चिड़ियाघर पहुँचा वो गेट पर ही खड़ी थी उसने टिकेट ले रखी थी हम साथ में अंदर गये।
तुमने अभी तक शादी क्यूँ नही की?उनसे मुझसे पूछा।
बस ऐसे ही कभी इस बारे में सोचने का वक्त ही नही मिला और तुमने।मैने कहा।
किसी का इंतज़ार कर रही थी।मधु ने कहा।
मैने कुछ नही कहा।
क्या तुम मुझसे आज भी प्यार करते हो?उसने मुझसे पूछा।
मेरे पास उसके इस प्रश्न का जवाब नही था,मैं खुद नही जानता था की मैं उससे अब प्यार करता हूँ या नही।
मुझे माफ़ कर दो मैने तुम्हे कभी नही समझा पर अब मैं तुमसे प्यार करती हूँ और तुमसे शादी करना चाहती हूँ।उसने कहा।
जिस बात को मैं उससे 11साल में नही कह पाया वो उसने एक पल में कह दी थी।दूरियाँ अक्सर रिश्तों में भी दूरी ला देती है फिर मधु और मेरे रिश्ते में प्यार कैसे आ सकता था।पिछले 4 सालों में मैं उसे लगभग भूल ही गया और वो कहती है की……….।
बहुत मुश्किल से खुद को संभाला है मैंने और अब फिर से वही ग़लती नही कर सकता।मैने तुम्हे बहुत पहले ही भूला दिया।मैने कहा।
फिर शादी क्यूँ नही की?मधु ने कहा।
मैं कुछ नही बोल सका।
तुम्हारे यहाँ से जाने के एक साल बाद मैं रवि से मिली,हम दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे लेकिन मैं उससे कभी खुल नही पायी उसे मेरी हर बात से परेशानी होती।उस समय मुझे अहसास हुआ की मेरे सबसे अच्छे दोस्त तो तुम ही हो।प्यार मैं भी तुमसे बहुत पहले से करती थी लेकिन इस बात का अहसास मुझे नही था।मैं तुमसे उस समय इसलिए गुस्सा थी कि मुझे लगता था की तुमने मेरा विश्वास तोड़ा है,मैं तुम्हे अच्छा दोस्त मानती थी और तुम मेरे बारे में……….पर अब मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ।मधु ने कहा।
अब बहुत देर हो चुकी है।मैने कहा।
जिंदगी ने हमें फिर से एक होने के लिए ही मिलाया है।मधु ने कहा।
जिंदगी का तो मुझे पता नही पर तुमने अहसास करने में बहुत देर लगा दी।मैने कहा।
इसमें तुम्हारी भी ग़लती है,वैभव,तुमने मुझे कभी कुछ समझाने की कोशिश ही नही की मेरी बात तुम्हे इतनी बुरी लग गयी की फिर तुमने मुझसे कभी कुछ कहा ही नही।मधु ने कहा।
मैं पूरी तरह से टूट गया था मेरी पढ़ाई भी खराब हो गयी थी,मैं IIT भी पास नही कर पाया था>मेरे हर सपने एक-एक करके टूटने लगे थे फिर तुमसे कैसे कहता की मुझसे प्यार कर लो अगर तुम पूछती की वैभव तुम क्या करते हो तो मैं क्या कहता?मैं खुद की नज़रों में गिर गया था ऐसे में तुमसे कैसे नज़रें मिलता।मैने कहा।
कुछ भी हो पर अब हम एक दूसरे का साथ नही छोड़ेंगे।मधु ने कहा और मेरे गले लग गयी मैने उसे खुद से दूर किया।
अब नही,मैं कल सुबह ही यहाँ से जा रहा हूँ और मैं फिर प्यार करके जिंदगी में पीछे नही लौटना चाहता हूँ।मैने कहा और मैं वहाँ से चलने लगा,उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक लिया।
जब मैं अपने दिल की नही सुनती थी तो तुमने मुझसे दिल लगाया और आज जब मैने दिल लगाया तो तुमने दिल की सुनना छोड़ दिया।तुम चाहते क्या हो?मुझ से शादी क्यूँ नही कर सकते?मधु ने गुस्से में कहा।
अगर फिर कभी मिले तो सोचेंगे पर आज नही,तुम्हे मेरी जब भी ज़रूरत हो तो मुझे कॉल कर सकती हो।मैने कहा और उसे अपना मोबाइल नंबर दे दिया।
उसने मुझसे I LOVE YOU कहा और वो अपने घर चली गयी,मैं कुछ देर वहीं बैठा सोचता रहा की क्या मैने सही किया।
अगले दिन सुबह मेरी ट्रेन थी मैं स्टेशन पर खड़ा ट्रेन का इंतज़ार कर रहा था तभी किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा मैने चौंक कर पीछे देखा मधु खड़ी थी।
तुम यहाँ।मैने कहा।
मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी।मधु ने कहा।
पागल हो गयी हो क्या?मैने कहा।
तुमने ही कहा था अगर फिर मिलेंगे तो सोचेंगे लो फिर मिल गये।मधु ने कहा।
मैं कुछ नही कह सका।उसने मुझसे कहा-“क्या हुआ?”
मैं उसे देखता ही रह गया आज सच मुच वो मेरी हो गयी थी उसने मुझे जीत लिया।
मैने कहा-“सोच लिया तुमसे ही शादी करूँगा.”
और वो मेरे गले लग गयी।4 साल की दूरी ने 15 साल के प्यार को जीता दिया था।
__END__