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THE FEAR OF LOST LOVE

Published by divyank jain in category Hindi | Hindi Story | Love and Romance with tag boyfriend | girlfriend | Love | marriage

“लो मे तैयार हुँ” पत्नी “रिटा” की आवाज कान मे पडते ही राजीव का ध्यान  कलाई पर बंधी घड़ी पर गया ।

“हमे चलना चाहिए” राजीव ने कहा और बिना पत्नी की ओर देखे ही कार मे बैठ गया  और हर बार की तरह रीटा अपनी तारिफ सुने बिना ही राजीव के पिछे चल दी ।

“में तो उसे जाते ही अपनी बाँहो मे भर लुगी , तुमने देखा ..कितना क्युट लग रहा था वो उस फोटो मे।

“नहीं मेने ठिक से नही देखा” राजीव ने कहा । असल मे जब से वो इन्वेटेशन कार्ड आया था तब से लेकर अब तक राजीव उस बच्चे की फोटो को 50 से जादा बार देख चुका था । बच्चा बिल्कुल उसकी माँ पर गया था । “जुलि” भला राजीव उसे केसे भुल सकता था , ना ही वो दिन जब वो पहली बार उससे मिला , ना ही वो दिन जब वो उसकी दोस्त बनी , ना ही वो दिन जब उसे उससे प्यार हो गया ।

कोलेज को 6 साल गुजर गए , उसकी भी शादी हो गई थी , आज उसके बेटे का पहला जन्मदिन था। राजीव ने 6  सालो मे उसे कभी नही देखा और ना ही उसकी आज हिम्मत थी । अगर सारे दोस्तो ने जिद्द नही की होती तो वो कभी नही जाता ।

कार का ब्रेक ठिक वही जाकर रगा जहा कभी उसकी बाइक का लगा करता था । दरवाजे पर शर्मा परिवार  का बेनर देख राजीव को याद आ गया , जब एक दिन जुलि ने कहा था की जल्द ही मेरे नाम के साथ तुम्हारा सर नेम होगा , “धत् प्यार के वादे” राजीव एक मुस्कान के साथ बोल पडा ।

अन्दर कदम रखने से पहले राजीव के पैर लडखडाने लगे , तेज धडकने उसे बैचेन कर रही थी। आखिर 6 साल से जो वो टालता आया उसे करना होगा , जुली को किसी ओर के साथ देखना होगा ,

“अब जुली कैसी दिखती होगी” ..”क्या उतनी ही खूबसूरत या उससे भी जादा”

एक पल के लिए तो उसके मन मे आया कि जुली अब भी उसकी होती तो जिन्दगी के रास्ते आसान होते । तब ही रिटा ने उसका हाथ थाम लिया “क्या हुआ कहा खो गए..??” जब रीटा ने घुर कर उसकी आँखों मे देखा तो उसे अचानक याद आया कि वो एक गर्भवती महिला का पती है।

एक तरफ राजीव उम्मीद कर रहा था की काश जुली की नजर उस पर ना पडे और दुसरी ओर उसका दिल उसे देखने के लिए बेताब हुए जा रहा था ।

“कितने टाईम बाद मिल रहे हो ” एक आवाज राजीव के कान मे पड़ी, एक सुंदर चेहरा जिसने अक्सर उसे डराया था वो उसके सामने खडा था, चौड़ी मुस्कान के साथ उसकी ओर बढ रहा था , उस चेहरे पर ना डर था ना ही प्यार ।

जुली अपने पुराने लहेजे मे तेजी से बड बड करने लग गई , राजीव कुछ सुन ना सका , वो उसके होठ और आँखों को देखे जा रहा था । अपनी

बात खत्म कर वो पलट गई तब राजीव को एहसास हुआ कि वो कई महमानो के सामने मुह खोल खडा था ।

“क्या वो सब भुल गई ?” राजीव ने खुद से पुछा । आखिर उनका रिश्ता टिका ही कितने दिन था , एक हफ्ता । 10 दिन । 2 हफ्ते । उसे तो याद भी नहीं रहा कि कब और कैसे उसका झगडा हुआ और कब और कैसे सुलज गया ।  3 साल एक तरफा प्यार के बाद कुछ हफ्तो  का  रिश्ता राजीव के लिए बड़ी बात थी, जुली के लिए नहीं।

उसके सामने ही जुली उसके एक साल के बेटे को लेकर आई ,  हु  ब हु जुली ।

“अगर जुली से उस दिन झगडा ना होता तो ये क्युट सा बच्चा हमारा होता”

रीटा ने उस बच्चे को गोद मे उठा लिया और खूब प्यार किया जैसे उसी का बेटा हो , राजीव अपने  अतित की सोच से बाहर आया तो उसने देखा की जुली और उसका पती डांस कर रहे थे । सब तालिया बजा रहे थे और उनके सारे दोस्तो ने एक एक कर उन्हे जोईन कर लिया , सभी कपल्स डांस कर रहे थे और रीटा हाथ बढा कर राजीव को डांस के लिए बुला रही थी ।

राजीव ने उसे अपना हाथ नहीं दिया वो जट से वाशरुम की ओर दोड पडा , आयने सामने खड़ा हो गया और अपने प्रतिबिंब मे 6 साल पुराना बेवकुफ लडका ढूँढने लगा । आखिर वो कोनसा दिन था जब राजीव ने जुली को किसी चीज़ के लिए मना किया हो , कभी दोस्त बनकर कभी प्यार । “मे आज भी बेवकूफ हु , मेरी पत्नी मेरे लिए क्या कुछ नहीं करती और में..”

उसने अपना वॅालेट निकाला , उसमे एक कोने मे कही छिपा एक कागज का टुकड़ा था “Good bye raajiv”  ये वो आखिरी शब्द थे जो उसके सिने पर  कुरेद कर जुली ने लिखे थे ।

एक पल गवाए बिना उसने वो कागज फाड दिया और फ्सश के साथ अपनी यादो को भी बहा दिया ।

जब राजीव वाशरुम से बाहर निकला , तो वो 6 साल पुराना बेवकूफ नहीं था ।

उसने बिना किसी को देखे रीटा का हाथ थाम लिया और जबरदस्त डाँस किया , किसी को दिखाने , जलाने के लिए नही बल्कि ये तो वो प्यार था जो उसे अभी अभी हुआ था ।

रीटा इतनी प्यारी और शालिन थी राजीव उसे अपना दिल कब का ही दे देता अगर दिल उसके पास होता । उसका दिल तो 6 साल पेहले ही जुली का हो चुका था ।

आज जब उसे फिर अपना दिल मिल गया  तो वो दिल उसका नहीं रहा , अब वो हमेशा के लिए रीटा का हो चुका था ।

राजीव ये दिन कभी नहीं भुल पाएगा….!!

–END–

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