• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • FAQ
  • Testimonials

Your Story Club

Read, Write & Publish Short Stories

  • Read All
  • Editor’s Choice
  • Story Archive
  • Discussion
You are here: Home / Hindi / Tere Liye

Tere Liye

Published by Reetu Tyagi in category Hindi | Hindi Story | Love and Romance with tag best friend | college | Rain

कॉलेज के कॉरिडोर में खड़े हुए,,मैं, नैना और मिहिर हम तीनो बारिश के रुकने का इंतज़ार कर रहे थे। फ़रवरी महीने के ये मीठी सुहानी सी सर्दी,,, ये ठंडी ठंडी हवायें और उफ़ ये बारिश। मौसम तो आज जैसे इस दिलकश बारिश में भीग भीग कर अपने और भी खूबसूरत होने पर खूब इतरा रहा था। इस मौसम में क्लास बंक करके कॉलेज के सामने रोड किनारे मोहन की टपरी में चाय पीने का और गरमा गरम समोसे खाने का मज़ा ही कुछ अलग था।

आज तो कोई भी पढाई करने के मूड में नहीं था। हम तीनो ने क्लास बंक की थी। नैना अपने हाथो में बारिश की बुँदे लेकर मिहिर के चेहरे पर बिखेर रही थी,, तभी न जाने मिहिर को क्या सूझी नैना का हाथ पकड़ा और कॉरिडोर से बाहर बारिश में खींच ले गया। दोनों बारिश में मस्त दीवानो की तरह भीग रहे थे – बस एक  दूजे में खोये हुए। उनको अहसास भी नहीं था की सब स्टूडेंट उन्ही को देख रहे है स्टूडेंट क्या प्रोफेसर भी,,,उन दोनों का प्यार था भी कुछ ऐसा ही कि उन्हें किसी की परवाह थी ही नहीं,,,वैसे भी कॉलेज में उनका रोमांस पहले ही मशहूर हो चूका था। मेरे लिए उन दोनों लव बर्ड्स की ऐसी दीवानगी देखना कोई नयी बात नहीं थी।

सबकी नज़रे उन दोनों पर थी और मेरी नज़रे बस सिर्फ और सिर्फ अपने मिहिर पर – हाँ मेरा मिहिर जिसको मैं  बचपन से बहुत प्यार करती थी। मिहिर पापा के सबसे अच्छे दोस्त मेहरा अंकल का बेटा था। हम साथ साथ खेलते, स्कूल जाते, एक ही कॉलोनी में ही रहते थे। मिहिर कब मेरी पसंद बना और कब मेरा प्यार पता ही नहीं लगा। उसका चेहरा देख कर ही मेरी सुबह होती और उसकी मुस्कान देख कर ही मेरी शामे ढलती थी। मिहिर और मैं अपनी हर बात शेयर करते थे, दोनों कभी कुछ नहीं छिपाते थे एक दूसरे से,,,पर न जाने क्यों मैं उससे कभी कह नहीं पायी कि – मैं उसे चाहने लगी हूँ। मिहिर भी मुझसे बहुत प्यार करता था पर एक अच्छे दोस्त की तरह,,जिस दोस्ती को मैं प्यार समझ रही थी वो मेरा वो मेरा एकतरफा प्यार था मिहिर के लिए। मुझे आज भी वो दिन याद है जब मेरी इस खुशफहमी को मिहिर ने खुद ही दूर कर दिया।

साधना – मैं,,, नैना से बहुत प्यार करता हूँ और अब उसके बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता। साधना तुम ही तो हो जिससे मैं अपनी हर बात शेयर कर सकता हूँ।

मिहिर बस बताता जा रहा था अपने और नैना के रिश्ते के बारे में,, पर मुझे जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था सिवाय उन चीखो के जो मेरे दिल से आ रही थी कि मिहिर मुझसे प्यार नहीं करता है। मैंने तो कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरे और मिहिर के बीच कोई और भी आ सकता है।

मैं कैसे जीऊँगी उसके बगैर,,मिहिर के साथ जिंदगी बिताने के जो सपने देखे तो बस वो एक झटके में टूट चुके थे। किसी ने सच ही कहा है कि दिल के टूटने की चोट तो बहुत तेज़ होती है पर जो दर्द होता है उसकी आवाज़ खुद के अलावा किसी और को नहीं सुनाई देती है।

“साधना -साधना -यार कहा खोई हो,,, क्या हुआ तुमको,,,,मैं अपनी जिंदगी की इतनी अहम बात तुमसे शेयर कर रहा हूँ और तुम मुझे ऐसे बूत बने हुए देख रही हो। हम्म अच्छा ,,,,कहीं,,, मेरी बन्दरिया को मुझसे प्यार तो नहीं हो गया है,,,जो मेरी लव स्टोरी को जानकर मिस मजनूँ बन गयी हो।”

ये कह वो जोर जोर से हसँने लगा। मैंने भी अपनी आँखों से बह जाने को उतारू आँसुओ को अपने एक तरफा प्यार की तरह खुद में कैद कर लिया।

तुझ बंदर से और मैं प्यार — मि. मिहिर खुली आँखों से ख्वाब न देखो। ये कह मैंने मिहिर से अपने दिल के एहसास को छुपाने के एक अनमनी सी कोशिश की।

अच्छा- मेरी बिल्ली और मुझ से ही म्याऊ –  ये कह उसने मेरी कलाई मोड़ दी। मेरे कंधे पर अपना सर रखकर ,,अपने और नैना के रिश्ते के बारे में बताता जा रहा था और मैं अपनी नम आँखों, और भरे दिल से अपने चेहरे पर एक झूठी मुस्कराहट लिए उसकी बातें सुन रही थी।

नैना – मेरे सबसे प्यारे चाचू की बेटी थी जो दो साल पहले कॉलेज में एडमिशन लेने और हमारे साथ रहने बनारस से दिल्ली आयी थी। मैं, मिहिर और नैना एक ही कॉलेज और एक ही क्लास के स्टूडेंट थे। नैना भी मेरे दिल के बहुत करीब थी, बहन से कहीं ज्यादा एक अच्छे दोस्त की तरहा। वो देखने में जितनी खूबसूरत थी मन से भी वो उतनी ही प्यारी थी।

हम दोनों हर बात साझा करते थे पर नैना ने भी मुझे अपने और मिहिर के बारे में नहीं बताया और मिहिर ने भी – बस आज। शायद इसे ही प्यार कहते है जो दबे पाँव जिंदगी में आता है – किसी को ढेरो खुशियां मिलती है और किसी को सिर्फ और सिर्फ दर्द जो की मुझे मिला ।

साधना – तू भी चल ना बारिश में,,,नैना ने ये कह मुझे भी अपने साथ बारिश में खींच लिया। मैं भी बारिश की बुँदे पड़ने के साथ ही अपनी खट्टी मीठी कुछ सुलझी और कुछ अनसुलझी यादों की तह से एक कागज की कश्ती की तरह हिचकोले लेते हुए बाहर आ गयी।

नैना और मिहिर दोनों मेरा हाथ पकडे नाचे जा रहे थे, हमे ऐसे मस्त मलंगो की तरह देख और स्टूडेंट भी बारिश में भीगने आ चुके थे चारो तरफ आज कॉलेज में एक मस्त माहौल बन गया था।

मैं भी मिहिर और नैना की ख़ुशी में मस्ती से झूम रही थी। मिहिर मेरा प्यार बनकर ना ही सही ,,, एक दोस्त की तरह ही सही हमेशा मेरी जिंदगी में रहे ये सोचकर ही मैंने अपने प्यार को हमेशा – हमेशा के लिए अपने दिल की गहराईयों में दफ़न कर लिया था।

हम तीनो को ठंड चढ़ चुकी थी। नैना बोली – अब चलो अब गर्मागर्म चाय समोसे खाते है। हम लोग भीगे भागे से जा पहुंचे मोहन की टपरी में चाय पीने।

अब चाय पर चर्चा थी – कॉलेज में कल होने वाले नैना के बैडमिंटन मैच की। नैना काफी उत्साहित थी अपने मैच को लेकर। मिहिर और मैं उसका हौसला और बढ़ा रहे थे। बातो बातो में मिहिर शरारते करते हुए नैना के भीगे हुए बालो को सवाँर रहा था उन दोनों के सवँरते हुए प्यार को देख रही थी एक अजीब सा सुकून मिलने लगा था मुझे अब उन दोनों के प्यार को देख कर।

अगली सुबह हम तीनो टाइम से पहले ही कॉलेज पहुंच गए थे मैच के लिए। नैना अपनी प्रक्टिस कर रही थी और हम दोनों उसको नई नई ट्रिक्स बता रहे थे।

मिहिर नैना का बहुत ख्याल रखता था। प्रक्टिस के बीच में उसको पानी पिलाना यहाँ तक की अपने रुमाल से नैना के माथे पर आयी पसीने की बूंदो को भी पोछना। नैना बहुत किस्मत वाली थी जो कि उसको मेरे मिहिर जैसा लड़का मिला था जो की उसको अपनी पलकों पर बैठा कर रखता था। वैसे नैना भी मिहिर को अपनी जान से ज्यादा चाहती थी।

मैच शुरू हो चूका था नैना के सभी राउंड बहुत अच्छे जा रहे थे पर पता नहीं अचानक क्या हुआ नैना बहुत तेज़ दर्द से करहायी और बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी। ये सब देखकर मेरे और मिहिर की समझ कुछ नहीं आया हम दोनों बदहवास से नैना की तरफ भागे।

नैना बेसुध थी, कॉलेज के मेडिकल कॉउंसलर ने सुझाया की नैना को हॉस्पिटल ले जाना पड़ेगा ,,,मिहिर ने तुरंत हॉस्पिटल एम्बुलेंस फ़ोन किया। मैंने भी घर पर नैना की तबियत के बारे में सबको बता दिया था। मैं और मिहिर नैना के साथ एम्बुलेंस में हॉस्पिटल की तरफ निकल पड़े। हॉस्पिटल ज्यादा दूर नहीं था पर न जाने क्यों उस दिन वो रास्ता इतना लम्बा क्यों लग रहा था।

मिहिर नैना का हाथ पकडे हुए उसे चुपचाप देख रहा था और उसकी आँखों मैं बस आँसु थे। वो मुझसे बोला – साधना – मेरी नैना को क्या हुआ है ये ठीक तो है न। मैं भी क्या बोलती क्योकि मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था मैं खुद भी नैना को इस हालत में नहीं देख पा रही थी फिर भी मैंने खुद को सँभालते हुए मिहिर से कहा – कुछ नहीं होगा तुम्हारी नैना को।

हम सब हॉस्पिटल के कॉरिडोर में  बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे की कब डॉक्टर नैना का चेकअप कर बाहर आये और बताये की नैना अब ठीक है पर जैसे ही डॉक्टर ने बाहर आकर बताया की नैना को आई. सी. यू में एडमिट करना पड़ेगा हम सब बेचैन हो चुके थे कि आखिर ऐसा हुआ क्या है नैना को।

तब डॉक्टर ने बताया की नैना की दोनों किडनी फ़ैल हो चुकी है। क्या कभी पेशेंट को किडनी प्रॉब्लम हुई है? – तब पापा ने बताया – हाँ काफी टाइम पहले भी नैना को कुछ किडनी की दिक्कत हुई थी पर वो इलाज़ से ठीक हो गयी थी अचानक कैसे सब अचानक से ये हुआ कैसे ? तब डॉक्टर ने बोला- हम कुछ जरूरी टेस्ट कर रहे है अब उसके बाद ही आप लोगो को कुछ बता सकते है। ये सब जानकर हम सबके होश उड़ चुके थे। पापा ने चाचू को भी फ़ोन कर नैना के बारे में बता दिया था। वो भी दिल्ली के लिए निकल चुके थे और मिहिर वो तो पत्थर के बूत की तरह वही फर्श पर बैठा था।

शाम हो चुकी थी एक उम्मीद की आस में हम सब डॉक्टर का इंतज़ार थे। डॉक्टर आये भी और कुछ ऐसा बोलकर चले गए की हम सबकी पैरो तले से जमीन खिसक गयी थी। उन्होंने बोला की – नैना के पास वक़्त कम है, अगर कोई किडनी डोनर मिल जाए तो वही अब आखिरी उम्मीद है इसके अलावा अब कुछ किया नहीं जा सकता है। हॉस्पिटल की तरफ से पूरी कोशिश की गयी है पर कोई डोनर नहीं मिला है। आप लोग जितना जल्दी हो सके कोई इंतज़ाम कीजिए।

वो रात जितनी लम्बी थी उतनी ही काली भी थी। मिहिर और मैं आई. सी. यू के बाहर बेंच पर बैठे रहे। मिहिर तो जैसे गुम हो चूका था वो बस रोता रहा उसने एक शब्द नहीं बोला न ही मेरी हिम्मत थी उसको सँभालने की। सुबह हुई मैं किसी को बिना बताये डॉक्टर के केबिन में गयी मिलने के लिए।

डॉक्टर, क्या मैं अपनी बहन को किडनी डोनेट कर सकती हूँ। डॉक्टर ने समझाया भी मुझको पर मैंने तो बस ठान लिया था। डॉकटर ने बोला – तुम्हारे परिवार की सहमति भी तो होनी चाहिए। पापा मम्मी चाचू को डॉक्टर ने अपने केबिन में ही बुलाया और मेरे बारे में बताया – पर मेरी जिद के सामने किसी की न चली। डॉकटर ने बोला की कुछ जरूरी टेस्ट करने होंगे तभी कुछ कहा सकता है।

डॉक्टर से मिलकर जैसे ही मैं बाहर आयी तभी मिहिर मेरे पास आया और रुंधे गले से बोला – साधना – क्या बोला डॉक्टर ने मेरी नैना को कुछ होगा तो नहीं ना, मैं उसके बगैर जी नहीं पाऊंगा। मैंने मिहिर का हाथ पकड़ा और कहा – मैं तुम्हरी नैना को कुछ होने नहीं दूंगी चाहे मेरी जान भी क्यों न चली जाए  और इससे पहले वो मुझे कुछ कह पता मैं टेस्ट के लिए अंदर चली गयी। सभी टेस्ट होने के बाद डॉकटर ने किडनी ट्रांसप्लांट की परमिशन दे दी थी।

शाम का वक़्त था जब मुझे ऑपरेशन थिएटर ले जा रहे थे। मिहिर मेरे पास आया और बोला – साधना – न ही मैं अपने प्यार नैना को और न ही तुम जैसी दोस्त को खो सकता हूँ और मुझसे लिपट कर रोने लगा, वो एहसास मेरे लिए क्या था शायद शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता बस ऐसा लगा जैसे मैंने अपने मिहिर को हमेशा हमेशा के लिए पा लिया हो। हम दोनों के बीच बस हमारी सिसकियों के अलावा कुछ नहीं था। वो नज़दीकया जिनका एहसास मैं बस अपनी रूह में कैद कर लेना चाहती थी। मिहिर की नज़रो में कई सवाल थे जिनको मैं जानकर भी अनजाना कर गयी।

ऑपरेशन थिएटर में अपनी होश के आखिरी लम्हो में बस एक ही चाह थी की अब जब मेरी आंखे खुले तो अपने मिहिर के चेहरे पर ख़ुशी देखु और नैना की एक नई हसीन जिन्दगी। मुझे पता था की मेरी जिंदगी भी तभी तक है जब तक मिहिर की खुशियां है और मिहिर की जिंदगी नैना है।

शायद मेरी जिंदगी की ये सबसे खूबसूरत सुबह थी जब मेरी आंखे खुली और सबसे पहले मैंने अपने मिहिर को मुस्कुराते हुए देखा मैंने इसी से अंदाज़ा लगा लिया था की नैना भी अब ठीक है। ऑपरेशन सफल रहा था। सब खुश थे और मैं तो सबसे ज्यादा खुश क्योकि मेरा मिहिर खुश था।

तेरे लिये हम है जिए, होठो को सिये

दिल में मगर जलते रहे , चाहत के दिये

तेरे लिये…….

–END–

Read more like this: by Author Reetu Tyagi in category Hindi | Hindi Story | Love and Romance with tag best friend | college | Rain

Story Categories

  • Book Review
  • Childhood and Kids
  • Editor's Choice
  • Editorial
  • Family
  • Featured Stories
  • Friends
  • Funny and Hilarious
  • Hindi
  • Inspirational
  • Kids' Bedtime
  • Love and Romance
  • Paranormal Experience
  • Poetry
  • School and College
  • Science Fiction
  • Social and Moral
  • Suspense and Thriller
  • Travel

Author’s Area

  • Where is dashboard?
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Contact Us

How To

  • Write short story
  • Change name
  • Change password
  • Add profile image

Story Contests

  • Love Letter Contest
  • Creative Writing
  • Story from Picture
  • Love Story Contest

Featured

  • Featured Stories
  • Editor’s Choice
  • Selected Stories
  • Kids’ Bedtime

Hindi

  • Hindi Story
  • Hindi Poetry
  • Hindi Article
  • Write in Hindi

Contact Us

admin AT yourstoryclub DOT com

Facebook | Twitter | Tumblr | Linkedin | Youtube