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First love

Published by aryan in category Hindi | Hindi Story | Love and Romance with tag accident | first love | girl | metro

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Hindi Love Story – First love
Image© Anand Vishnu Prakash, YourStoryClub.com

मेट्रो सिटी देल्ही में दिनु रोज की तरह कबाड़ा बिन रहा था। प्लास्टिक की बोटल्स,पन्नी और कभी अच्छी किस्मत रही तो कोई मेटल्स मिल जाता ,जिससे उसका गुजारा चल जाता था।

एक दिन सुनसान सड़क पर कबाड़ा उठाते हुए ,उसे एक दो साल का बच्चा रोता हुआ दिखाई दिआ ,उसने उस बच्चा को उठा लिआ, बहुत देर तक उसके माता पिता को खोजने की कोशिश की लेकिन वे कंही नही मिले , फिर दिनु ने उसे अपने पास रख लिआ , उस बच्चे का नाम राजू रखा ,दिनु उसे पढ़ाने लिखाने के बजाय अपने काम में लगा लिआ, राजू से दिन भर काम करवाता और खुद आराम करता,दारू पीता ,जुआ खेलता।

दिन गुजरते गए राजू बड़ा होने लगा ,राजू सत्रह साल हो गया ,दिनु ने अपना काम फैला लिआ था। दोनों ठेली लेकर अब गली गली से कचड़े उठाने लगे ,एक दिन राजू अकेले ठेली लेकर कूड़ा लाने गया हुआ था ,कूड़ा उठाते हुए राजु एक माकन के पास पंहुचा , वँहा खड़ी एक लेडी से उसने कचड़े की बाल्टी ली ही थी.कि उसकी नजर उस मकान के अंदर की सीढ़ी पर पड़ी , जँहा से ऊपर की मंजिल से सीढ़ी से उतरते हुए स्कूल की ड्रेस में एक लड़की आई ,वह बहुत सुंदर थी ,मानो स्वर्ग की देवी हो , नीचे आकर अपने पापा की बाइक पर बैठ गई ,लड़की ने हल्की नजर राजू पर जरूर डाली , फिर ऊपरी मंजिल पर खड़ी अपनी माँ को बाय किआ ,फिर बाइक स्टार्ट हुई और आगे बढ़ गई।

राजु बिना पलकें झपकाये लड़की को ही देखता रहा ,जब तक वह गली के पार नही चली गई। लड़की को देखने चक्कर में उसने हाथ से कचड़े की बाल्टी गिरा दी। सारा कचड़ा वही फ़ैल गया ,ये देखर वहां खड़ी उस लेडी का चेहरा लाल हो गया ,उसने क्रोध में चिल्लाते हुए बोली ,”हाय राम फैला दिआ सारा कचड़ा गधे अब इसे साफ़ कौन करेगा “।

ये भयानक सी आवाज सुनकर राजु मानो किसी सुंदर सपने से जाग गया ,वह बड़े प्यार से बोला ,”माफ़ करना मैडम अभी उठा देता हु “।

राजु जब सिटी के उन बच्चो देखता जो स्कूल ,कॉलेज जाते है ,साफ़ सुथरे कपडे पेहनते है ,हाथ में स्मार्ट फ़ोन होता है , और डेली सुबह शाम किसी नुक्कड़ पर बैठकर ,तरह तरह के नए गेम खेलते है , बाते करते है ,तो कभी कभी उसका भी मन करता की काश वो भी कुछ पल उन बच्चो तरह जी पता। लेकिन वह इस तरह जीवन जीने पर भी खुश था , वह दिनु द्वारा दिए काम को कभी मना नही करता था ,कितना भी थका हो काम जरूर पूरा करता।

रास्ते भर जाते हुए राजू बस लड़की के बारे में ही सोचता हुआ नाले के किनारे पर बने अपने टेंट पर पंहुचा ,आते आते देर हो गई थी , दिनु क्रोध से हाथ गरम किए बैठा था ,जैसे ही राजु आया दिनु ने खींच कर राजू के गाल पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिआ ,फिर राजू के बालों को पकड़कर हिलाते हुए ,चीखकर बोला ,”कँहा था नालायक देर लगा दी ,कब से गला सुखा जा रहा है,भाग के जा ठेके पर और मेरा अध्धा लेकर आ “।

राजु भागते हुए ठेके पर गया , वंहा से दारू की बोतल लेकर उसे अपने पेट से चिपकाकर अपनी फटी हुई शर्ट से छिपा ली , रास्ते से आ ही रहा था की फिर से वही लड़की अपने पापा की बाइक पर स्कूल से से आते हुए दिखाई दी। राजु एक साइड में खड़ा होकर उसे देखने लगा ,जब लड़की ने उसकी तरफ देखा तो राजु इतना खुश हुआ , जितना आज पहले वह कभी नही था।

अगली सुबह राजु सबसे पहले उसी मकान पर कूड़ा लेने गया ,जँहा उसे वह लड़की दिखाई दी थी। किस्मत से इस बार लड़की कूड़े की बाल्टी लेकर आई , राजु तो खुशी से सातवें आसमां पर था ,लेकिन जितनी जल्दी वह आई , उतनी ही जल्दी कूड़े की बाल्टी देकर चली गई ,पर राजु उसकी एक झलक पाकर दिन भर खुश रहा। राजू अब उस लड़की की एक झलक पाने के लिए , घंटो तक लड़की के स्कूल और टुशन के रास्ते पर इंतजार करता रहता ,कुछ दिनों में ही लड़की की हर टाइमिंग उसे याद हो गई कि वह कब घर से बाहर निकलती है और कब वापस आती है।

जब भी लड़की उसे सामने से देखते हुए , रास्ते से गुजरती तो राजु ये सोचकर बहुत खुश होता कि वह उसे देखती है ,जरूर मेरे से बात करना चाहती होगी ,मै कल ही उससे अपने दिल का हाल कहूँगा ,इसी तरह राजु हर रोज सोचता और अगले दिन वह उसके सामने से निकल जाती लेकिन कभी उसकी हिम्मत नही होती की उससे जाकर बात तक कर पाये,दिल का हाल बताना तो दूर की बात थी।

महीने गुजर गए राजू ऐसे ही बिना बात किए बस उसे देखकर आ जाता , इस चक्कर में अब वह दिनु का हर काम देरी से करने लगा , एक दिन राजू के दोस्त ने ही दिनु को बता दिआ की राजू को लड़की से प्यार हो गया है , इसलिए वह काम समय पर पूरा नही कर पा रहा। दिनु ने ये सुनकर राजू का दिमाग सही करने की सोची जब राजू घर आया तो उसकी जमकर पिटाई की,उसके जेब से सारे रुपये छीनकर भूखा ही घर से भगा दिआ। राजु एक दिन तक इधर उधर घूमता रहा ,भूख से उसका बुरा हाल था ,जब भटकते हुए एक मंदिर के पास पंहुचा तो देखा ,मंदिर रोड के सामने भिखारिओं और कबाड़िओ को खाना खिलाया जा रहा था। राजू वँहा जाकर बैठ गया ,उसे पत्तल दी गई ,जब उसने दायें नजर डाली तो उसे वही लड़की दिखाई दी ,वह पुरी बाँट रही थी ,उस समय राजू को अपनी गरीबी पर इतनी शर्म आई ,जितनी पहले कभी नही आई थी ,उसने जेब से अपनी गन्दी रुमाल निकाली और पूरी तरह से अपना चेहरा ढँक लिआ।

लड़की राजू को पुरी देते हुए आगे बढ़ गई। राजु जब खाना खाकर उठा तो कुछ दूर चलने के बाद उसकी नजर मंदिर के पार्क में एक बड़ी सी नीम के पेड़ पर पड़ी ,जँहा सुन्दर गर्ल्स और बॉयज का एक ग्रुप खड़े होकर आपस में बाते कर रहे थे ,वंहा वह लड़की भी थी जिसकी हंसी की आवाज राजु को साफ़ साफ़ सुनाई दे रहा था,फिर राजु ने दायें खड़ी एक कार की विंडो में अपना चेहरा देखा ,साँवला रंग और गाल पर कुछ काले धब्बे, धूल से भरे बाल जिस पर न जाने कब से शैम्पू नही लगाई थी ,अपनी फटी हुई शर्ट जिसके पार उसकी फटी हुई बनियान नजर आ रही थी, सुखी सी बॉडी उसके कंधे की हड्डी साफ़ नजर आ रही थी। फिर बायें मुड़कर उसने उस ग्रुप की तरफ देखा ,उसके दिमाग में ये साफ़ हो गया की उसकी दुनिआ और उस लड़की की दुनिआ बिलकुल अलग है ,फिर भी उसका दिल कहता था की वो लड़की उसे जरूर पसंद करती होगी ,तभी तो जब वह उसे देखता था , तो वो भी उसे देखती थी।

वो पूरा ग्रुप और वह लड़की मैन रोड की तरफ चलकर उसे पार करने लगे ,जिसके दूसरी तरफ उनके पेरेंट्स उनका इन्तेजार कर रहे थे। वो लड़की और उसका एक दोस्त सबसे पीछे चल रहे थे ,एक बेकाबू ट्रक उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थी। उस बेकाबू ट्रक को बस राजू ने देखा वह चिल्लाया पर गाड़िओं की शोर में राजू की आवाज उनके पास नही पहुंची। राजू पूरी तेजी से उनकी तरफ भागा , और उन दोनों को धक्का देकर ट्रक के सामने से अलग दिआ। वो ट्रक राजु को कुचलते हुए एक बिल्डिंग से जा टकराई। पूरा ग्रुप और आसपास के लोग भागते हुए राजु के पास आये, वे लोग उसे आखिरी सांस लेते हुए देख रहे थे। राजू मुँह से खून निकल रहा था , वह बुरी तरह से घायल था , लेकिन चेहरे पर मुस्कान थी ,उतने सारे खड़े लोगो में उसकी नजर बस उस लड़की की ऒर थी।

तभी उस लड़की की एक सहेली उससे बोली ,”यार प्रग्या ये कौन है इसने तेरी जान बचा ली “।

प्रग्या राजू की तरफ ही देख रही थी , वह बोली ,”मुझे नही पता यार ये कौन है मैं तो इसे पहली बार देख रही हु “।

राजू दुनिआ छोरकर जा चूका था , पर उसकी नजर अपने फर्स्ट लव को ही देख रही थी।

***

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