[Love on facebook – Love Short Story]
मेरा नाम राज है .मै कुलु में रहता हू .हमारे पास छोटा सा घर है. जो की मिटटी का बना है.मेरे घर में मेरी माँ मेरे पापा रहते है .हम भुत खुश है. मेरे पडोस में लोग बहुत आमिर है. उनके लड़के मुझे चिड़ाते है. वे अच्हे स्कूल जाते है . और मेरा स्कूल छोटा सा है . मै १२ क्लास का विद्यार्थी हु .
Story Starts:
एक दिन मै सुबह 6 बजे उठा. मेने उठते ही फसबूक चलाई . मेने देखा की उसमे एक लन्दन की लड़की की रेकुएस्ट मेरे पास आई हुई थी. मेने उसे एक्सेप्ट कर लिया. मुझे लन्दन के लोगो से और लन्दन से बहुत प्यार था. धीरे धीरे हमारी दोस्ती हुई. अगले दिन स्कूल में मेरा रिजल्ट आना था. मै सुबह होते ही स्कूल अपना रिजल्ट पता करने के लिए चला गया. और मेने रिजल्ट देखा मेरे नंबर सबसे ज्यादा है .मेरे १२ क्लास में 85 प्रतिचत आये थे
घर गया तो माँ पापा सुन कर बहुत खुश हुए. माँ ने चीनी से मु मीठा करवाया . लेकिन मु मीठा जरुर किया. उस दिन हम उही घुमने के लिए चले गए . शाम को घर आते ही माँ ने चाय पिलाई . और मै फसबूक पर बैठ गया .और जब मेने अपनी फसबूक चलाई तब वो लड़की भी बेठी हुई थी. और उन्हों ने मेरे बारे में पूछा .और मेने बताया की मै कुलु से हु .और london से इंजीनियरिंग करना चाहता हु.और उन्हों ने बताया की उनका नाम मेरिनी है .और वो भी इंजिनियर बनना चाहती है.और रात होते ही हम सोने के लिए चले गए. सोते सोते पापा ने पुच लिया की बेटा आगे क्या करना चाहते हो. मेने कहा पापा बनना तो इंजीनियरिंग चाहता हु. लेकिन अभी मै कुछ काम करना चाहता हु.पापा ने कहा की बेटा तुम्हारी अपनी मर्जी है.जो मर्जी करो और हम सो गए .
सुबह होते ही मई अपने काम की तलाश मे चला गया .और सारा दिन काम नहीं मिला और मई घर की ओर चल पड़ा. आते आते एक कारो की दुकान पर काम मिल गया . और मै कारो के बारे मे जनता भी था.घर जा कर माँ पापा को खुश खबरी दी .और सभी खुश थे.अगले दिन मै काम पर गया और जब वापिस लोटा तब घर पर मेरिनी और उसके पापा आये हुए थे. उन्होंने मुझे हेरान कर दिया .लेकिन मै खुश था .वो मेरे घर पर 12 दिन तक ठेरे.उस टाइम माँ ने हम सब के लिए चाये बनाई.हम सब ने चाये पि और मेरिनी ने इंग्लिश मे कहा की मे उन्हें सारा कुलु और मनाली घुमाऊ .लेकिन मै अभी तो काम पर लगा था .इसी लिए माँ उन्हें घुमाने ले जाती थी .और उन्हें वो खुद ही खाना बना कर खिलाती .मेरिनी कभी कबार मेरे पास मेरे काम पर भी आ जाती थी. और मेरे बारे मे पूछती .एक दी उन्हों ने कहा की तुम तो इंजिनियर बनना चाहते थे
और तुम ये काम कर रहे हो. मैने मेरिनी से कहा की हम बहुत गरीब है .पापा इंजीनियरिंग के पैसे नहीं दे सकते .इसी लिए मै ये काम कर रहा था . उन्हों ने कहा की क्या तुम लन्दन हमारे साथ चलो गे. हम वहा जा कर हम तुम्हे वहा विश्वविद्यालय मे दाखिला करवा देगे .मेने कहा लेकिन तुम्हारे पिता इसे मान जायेगे .उन्हों ने कहा की वो अपने पापा को मना लेगी .मेने उस वख्त हा कर दी.और हम घर चले गए .घर जाते ही मेरिनी ने अपने पापा से बात करी की वो मुझे अपने साथ ले जाना चाहती है.unke पापा बहुत अच्छे थे .उन्होंने हा कर दी .और हम अगले दिन लन्दन चले गए .
और जाते ही उन्होंने मुझे वह दाखिला दिलवा दिया.और मैने दो साल मे ही एक कार का मॉडल बना कर दिया की वहा के मुख्याध्यापक ने मुझे दो साल मे ही इंजीनियरिंग की डिग्री दे दी .और वो कार बहुत प्रसिद हुई .और मै भी .अगले दिन मै इंडिया माँ पापा से मिलने चला गया और उन्हें अपने साथ लन्दन ले आया . और वहा जाते ही मेरी माँ ने मेरिनी से मेरे लिए उनका हाथ मांग लिया .और हमारी शादी हो गयी मै बहुत खुश था .
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