• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • FAQ
  • Testimonials

Your Story Club

Read, Write & Publish Short Stories

  • Read All
  • Editor’s Choice
  • Story Archive
  • Discussion
You are here: Home / Hindi / Bad things never happen with Good People

Bad things never happen with Good People

Published by Ruchi in category Hindi | Hindi Story | Social and Moral with tag auto | boy | Exam | good

God Sun Rise Rays

Hindi Story with Moral Lesson – अच्छे लोगो के साथ कभी बुरा नहीं होता है (Bad things never happen with good people)
Photo Credit: www.cepolina.com

यह घटना मेरे जीवन की सबसे ज्यादा उलझन भरी,थोड़ी कसमकस और उत्सुकता से परिपूर्ण है।

इस घटना की पात्रा ऋषिका बहुत सीधी,लडको से दूर रहने वाली, शांत और सोम्य प्रकृति की और अपने परिवार से बेहद लगाव रखने वाली इंसान है जो की कॉलेज में पढ़ती है।

गर्मी के दिन थे ,दोपहर में लू के थपेड़ो से इंसान का बाहर निकलना दूभर हो गया था। पतझड़ भी आ गया था, पेड़ अपनी सूखी-सूखी पत्तियां गिरा रहे थे ,सूरज देवता अपनी क्रोधमयी अग्नि धरा पर बिखेर रहे थे।

मैं सुबह कुर्सी पर बैठी प्रकृति का नजारा देखते हुए लास्ट पेपर की तैयारी कर रही हूँ। आज दोपहर मेरा लास्ट पेपर है उसके बाद 2 महीने की छुट्टी ,इतना सोचकर ही पढने में मन नहीं लग रहा है, वैसे मैंने सब पढ़ लिया है और दोबारा भी सब देख लिया और सब पॉइंटस भी याद कर लिए हैं ………………मैंने मन ही मन कहा। मैंने किताब उठाई और कमरे के अंदर आ गयी।

“मम्मी मैं तैयार होने जा रही हूँ कुछ देर बाद कॉलेज के लिए निकल जाउंगी “……………………..मैंने मम्मी से कहा ,

“ठीक है तैयार हो जाओ और थोडा खाना खा लो आकर, वरना भूखी रहोगी शाम तक “…………..मम्मी ने कहा।

मैंने फटाफट खाना खाया और पैन बॉक्स उठाकर भगवान् जी के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना की और फिर घर में सबसे नमस्ते करते हुए आशीर्वाद लिया और गेट के बाहर आ गयी। रोड पर चल ही रही थी कि पड़ोस की आंटी जी मिल गयी।

“आज एग्जाम है ऋषिका “………….आंटी जी ने मुझसे पूछा ,

“हाँ आंटी जी आज मेरा आखिरी पेपर है ” ……………मैंने आंटी जी से कहा , और कहते हुए मैं गली से बाहर निकल आई।

रास्ते में गाड़िया चल रही है, मैं रोड पर एक किनारे जल्दी जल्दी चलती जा रही हूँ ताकि जरा भी देर न हो जाये क्यूंकि दोपहर के समय टेम्पू भी मिलना मुश्किल हो जाता है। बार बार हाथ में पहनी हुई घडी पर नजर चली जाती है कितना समय हुआ है ,कहीं देर तो नहीं हो गयी, 20 मिनिट में मैन रोड पर पहुँच तो जाउंगी ना या कहीं ………..न जाने कितने उलटे सीधे विचार मन में उठने लगे। तभी मन को शांत करने के लिए मैं मंत्रोच्चारण करने लगी ताकि मन व्याकुल न होने लगे।

कुछ देर बाद मैं मैन रोड पर पहुँच गयी और अपनी दोस्त का इन्तेजार करने लगी लेकिन 10 मिनिट तक उसके ना आने पर मैंने सोचा शायद वो पहले ही कॉलेज के लिए निकल गयी होगी। कुछ देर बाद एक टेम्पो आया।

मैंने पूछा ,” भैया कॉलेज तक जाओगे क्या”, टेम्पो वाले भैया ने कहा हाँ।

फिर मैं टेम्पो में बैठ गयी और पैसे निकलने लगी। तभी एक बूढ़ी दादी और एक लड़का टेम्पो में चढ़ा और सामने वाली शीट पर दोनों बैठ गए।मेरे दाई ओर एक आंटी जी और बायीं ओर एक लड़की बैठी हुई थी। टेम्पो में बैठे हुए मैं बार बार समय देख रही थी और सोच रही थी कि टेम्पो कब कॉलेज के सामने रुकेगा। कुछ देर बाद टेम्पो खाली होने लगा ,सब सवारी नीचे उतर गयी और टेम्पो में बस मैं और मेरी सामने की शीट पर वही लड़का बैठा हुआ था जो बूढी दादी के साथ चढ़ा था।

थोड़ी दूर चलने के बाद उस लड़के ने मेरी ओर धीरे से हाथ बढाया और कहा ………… ” क्या आप मुझसे दोस्ती करेगी।”

मैंने कहा ……… ,”नहीं। ”

लड़के ने कहा …………,” मैं बुरा लड़का नहीं हूँ जैसा की आप समझ रही है।”

मैंने कहा …………….”ऐसा कुछ नहीं है मैं आपके बारे में कुछ नहीं समझ रही हूँ।”

लड़के ने कहा ………” तो फिर आप मुझसे दोस्ती क्यूं नहीं करना चाहती हैं।”

मैंने कहा …………….” ,मुझे पसंद नहीं है।”

अचानक वो लड़का शांत हो गया और बाहर की ओर देखने लगा, मैं भी थोडा घबरा गयी थी क्यूंकि पहली बार किसी अनजान लड़के से इतनी बात हुई थी। फिर मैं भी बाहर की ओर देखते हुए एग्जाम पेपर के बारे में सोचने लगी।

अचानक फिर उस लड़के की आवाज सुनाई दी ………….”आपका नाम क्या है।”

“आपको मेरे नाम से क्या लेना देना है”…………….मैंने गुस्से से कहा।

लड़के ने कहा …………..” बस नाम ही तो पूछ रहा हूँ लेकिन आप तो गुस्सा हो गयी।”

मैंने गुस्से से कहा ………………..” नेहा।”

“बहुत अच्छा नाम है नेहा “……………….लड़के ने मुझसे कहा।

“आप जा कहाँ रही है “………………..लड़के ने मुझसे पूछा।

” मैंने सोचा कॉलेज के सामने टेम्पो रुकेगा और इसे पता तो चल ही जायेगा तो कह दिया कॉलेज जा रही हूँ।”

“आज आपका एग्जाम है क्या ????????” …………….लड़के ने मुझसे पूछा ”

हाँ “………………मैंने जवाब दिया।

कुछ देर बाद टेम्पो रुका मैंने देखा कॉलेज सामने था।मैं झट से टेम्पो से नीचे उतर गयी और हाथ में पकडे हुए पैसे टेम्पो वाले अंकल जी को देने के लिए जैसे ही आगे की ओर जाने लगी तभी उस लड़के ने मुझे रोककर कहा …………….मुझे माफ़ कर दीजिये अगर मेरी किसी भी बात से आपको दुःख पहुंचा हो,मेरा इरादा आपको दुखी करने का नहीं था बस आपका अच्छा व्यवहार देखकर आपसे दोस्ती करने का मन हुआ था सो मन की बात आपसे कह दी।

“बेस्ट ऑफ़ लक फॉर योर एग्जाम नेहा “…………………लड़के ने मुझसे कहा।

” थैंक यू एंड इट्स ओके “………………………मैंने लड़के से कहा।

इतना कहकर मैंने टेम्पो वाले भैया को पैसे दिए और कॉलेज की तरफ जल्दी से चलने लगी। हाथ की घडी पर बार बार नजर डालती जा रही थी कहीं देर तो नहीं हो गयी लेकिन अभी भी 10 मिनिट थे एग्जाम शुरू होने में।

कॉलेज के अन्दर पहुँचते ही मैं अपनी दोस्तों से मिली और उनके साथ जाकर एग्जाम हॉल पता किया।मालूम चलते ही हम सब एग्जाम हॉल के अंदर गये और अपनी अपनी शीट्स पर बैठ गये और एक-दुसरे को आल दी बेस्ट कहा।

कुछ देर बाद मैडम ने कॉपी और पेपर दिए और हम सब अपना अपना एग्जाम करने लगे। पेपर देखते ही मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था क्यूंकि वही प्रश्न,प्रश्नपत्र में आये थे जो की मुझे बहुत अच्छे से आते थे। मैंने आराम से अपना पेपर लिखा और समय रहते ही मेरा पेपर पूरा हो गया। मैंने कॉपी मैडम को दी और बाहर आ गयी।

कुछ देर बाद बैल बजी और सब लडकियाँ बाहर निकल आई, मेरी दोस्त ने मुझसे पेपर के बारे में पूछा और थोड़ी बातें की।

शाम हो गयी थी, हम दोनों ने टेम्पो किया और टेम्पो में बैठकर खूब बातें की। कुछ देर बाद मेरी दोस्त का घर आ गया और वो बाये करके अपने घर चली गयी फिर कुछ देर बाद मैं भी टेम्पो से नीचे उतरी और पैसे देकर रोड पर चलने लगी।

30 मिनिट चलने के बाद घर आ गया। मैंने डोरबैल बजायी। मम्मी ने गेट खोला और मैं अन्दर आ गयी।

“कैसा हुआ एग्जाम “……………मम्मी ने मुझसे पूछा।

“अच्छा हुआ “………..मैंने मम्मी से कहा।

फिर मैंने खाना खाया और सो गयी। देर शाम पापा ऑफिस से घर आ गये और हम सब शाम को एकसाथ बातें करने के लिए बैठे। तब मैंने सबको अपने साथ टेम्पो में हुए वाकिये के बारे में बताया। ये सब सुनकर मम्मी-पापा बोले जो होता है अच्छे के लिए होता है और अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा होता है उन्हें कभी बुरे लोग नहीं मिलते हैं इसलिए उस लड़के ने उतरते समय तुमसे माफ़ी मांगी।

 

शिक्षा :- अगर हम सही हैं तो हमारे साथ कभी बुरा नहीं होता है। इतना तो कभी भी नहीं हो सकता है जिसके लिए हम रो भी न सके।

__END__

(लेखिका …………..रूचि सेंगर )

Moral of this Hindi Story: Bad things never happen with good people

Read more like this: by Author Ruchi in category Hindi | Hindi Story | Social and Moral with tag auto | boy | Exam | good

Story Categories

  • Book Review
  • Childhood and Kids
  • Editor's Choice
  • Editorial
  • Family
  • Featured Stories
  • Friends
  • Funny and Hilarious
  • Hindi
  • Inspirational
  • Kids' Bedtime
  • Love and Romance
  • Paranormal Experience
  • Poetry
  • School and College
  • Science Fiction
  • Social and Moral
  • Suspense and Thriller
  • Travel

Author’s Area

  • Where is dashboard?
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Contact Us

How To

  • Write short story
  • Change name
  • Change password
  • Add profile image

Story Contests

  • Love Letter Contest
  • Creative Writing
  • Story from Picture
  • Love Story Contest

Featured

  • Featured Stories
  • Editor’s Choice
  • Selected Stories
  • Kids’ Bedtime

Hindi

  • Hindi Story
  • Hindi Poetry
  • Hindi Article
  • Write in Hindi

Contact Us

admin AT yourstoryclub DOT com

Facebook | Twitter | Tumblr | Linkedin | Youtube