शानदार ! जबरदस्त ! जिंदाबाद ! भारतीय क्रिकेट टीम ! !! !!!
कल १५ जनवरी २०१७ को पुणे में ओ डी आई प्रथम मैच में जो इंग्लैण्ड के पहाड जैसे स्कोर ३५० रन का सुझबुझ और धैर्य के साथ बहादुरी से पीछा करते हुए ११ गेंद बाकी रहते हुए ३५६ रन बनाकर अभूतपूर्व जीत दर्ज की है वह केवल काबिलेतारीफ ही नहीं, बल्कि शानदार , जबरदस्त व ऐतिहासिक है |
किसी ने भी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि महज ६३ रनों के स्कोर पर ४ विकेट गिर जाने के बाद भारतीय टीम इस मैच को जीत पायेगी , लेकिन आश्चर्यजनक प्रदर्शन करते हुए विराट कोहली और केदार जाधव की जोड़ी ने अविश्सनीय २०० रन के बेजोड़ खेल कर न केवल इस जीत की नींव रख दी, अपितु अंततोगत्वा १२५ करोड़ भारतीयों को ११ गेंद बाकी रहते हुए तीन विकेट से शानदार , अद्भुत व अकल्पनीय जीत दर्ज कर प्रसन्न कर दिया – ऐसा प्रसन्न किया कि भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर के क्रिकेट दिग्गजों व धुरंधरों ने इस अद्भुत जीत की एकस्वर से तारीफ़ की और विराट कोहली और केदार जाधव के खेल – सामर्थ्य के मुरीद हो गए |
यह मैच अपने आप में इतना बेजोड़ व अनूठा व रोमांचक रहा कि आनेवाली क्रिकेट प्रेमियों के मन – मानस पर सदियों तक छाई रहेगी, यही नहीं अपितु क्रिकेट के ईतिहास के पृष्ठों पर स्वर्णाक्षरों मे लिखी जायेगी |
मैं बचपन से ही महज तेरह वर्ष (१९५९ से) की उम्र से क्रिकेट खेल और इस खेल से जुड़े हुए रोमांच, सस्पेंस और थ्रील से अविभूत होते आ रहा हूँ जिसे चंद शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता |
ऐसा ही उच्च कोटि के विस्मयकारी एवं रोमांचक खेल जो करीब पाँच दसक पहले इडेन गार्डन के विशाल पीच पर खेला गया था , टेस्ट मैच का पांचवां और अंतिम दिवस था और विरोथी टीम ( मुझे याद नहीं है) को एक ही दिन में आउट करना था , मैं उस पल को आजतक भूल नहीं पाया हूँ , एक धरोहर की तरह अपने दिल व दिमाग में संजों कर रखा हूँ, जब गुगली के बेताज बादशाह चंद्रशेखर ने सब के सब विकेट अकेले ही चटका दिए थे और इण्डिया वह मैच जीत गई थी | मेरे प्रिय पाठक जिन्हें मैं प्यार करता हूँ और बदले में मुझे दुगुना प्यार देते हैं ,वे गूगल में खोजकर उस लम्हा को शेयर कर सकते हैं |
मैं १३ मार्च २०१३ से अनवरत “yourstoryclub.com website” में विभिन्न विधाओं पर विभिन्न आलेख व कहानियाँ लिखते आ रहा हूँ, जिसकी चीफ एडिटर श्रीमती सौम्या त्रिपाठी जी हैं और जिनकी प्रेरणा व सहयोग से आज मैं इस मंजिल तक पहुँच पाया हूँ कि मेरे सैकड़ों रचनाएं गूगल प्ले पर उपलब्ध हैं और दुनिया में फैले हुए मेरे हज़ारो पाठक चाव से पड़ते हैं और आनंदित होते हैं |
आज मैं जम के टीवी के सामने बैठा रहा – “कुर्सीतोड़ बैठक” की, और इस रोमांचक खेल का भरपूर लुत्फ़ उठाया |
शानदार…! जबरदस्त…!! अद्भुत…!!! आश्चर्यजनक…!!!! अविश्स्वनीय…!!!!!
भारत ही नहीं ,बल्कि दुनियाभर के करोड़ों लोगों ने इस खेल को मिडिया के विभिन्न माध्यमों से लुत्फ़ उठाया और विशेषकर नए खिलाड़ी केदार जाधव की टेलेंट और टेम्परामेंट की भूरी – भूरी प्रसंशा की, जिन्होंने महज ७६ गेंदों पर १२० रन, ७६ गेंद, १२ चौका व ४ छक्का के साथ ताबडतोड़ बना डाले , यही नहीं २०० रनों की बेहतरीन साझीदारी सक्षम कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में जोश व जूनून के साथ खेली और इस विराट जीत के लिए रास्ता प्रसस्त कर दिए | इस बेमिशाल खेल के लिए वे मैन ऑफ द मैच से नवाजा गए | एक लाख रुपये के चेक राशि भी उनके खाते में अविलम्ब ट्रांसफर कर दिए गए जेना द्वारा |
जो असीम प्यार उसे देशवासियों, क्रिकेट के दिग्गजों से मैदान और मैदान के बाहर मिला, वह बिरले को ही नशीब होता है |
मैंने विराट कोहली व अनिल कुंबले को उसे जिस प्यार व दुलार से पुचकारते व दुलारते देखा वह शायद कभी देखने को नशीब होता है, मेरी आँखें भी नम हो गई इस दृश्य को देखकर नहीं बल्कि उमड़ते हुए पल को | एक अदना सा युवक कितने जोश व जुनून से खेला और कप्तान की नजरों में खरा उतरा – वह काबिलेतारीफ है |
यह मैच केदार जाधव के नाम कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी |
ऐसे शतकीय कप्तानी पारी जो विराट कोहली ने खेली ताबडतोड १२२ रन, १०५ गेंद, ८ चौके और ५ छक्के जिस असीम धैर्य व अटल आत्मविश्वास से बनाए और टीम इंडिया को जीत का स्वाद चखाए उसे भी इसका “श्री श्रेय” जाता है |
यहाँ आख़री छठे विकेट की साझेदारी भी काबिले तारीफ़ है |
यदि मैं यह मत दूँ कि रविन्द्र जडेजा, हार्दिक पांड्या और आर अश्विन ने असीम धर्य और साहस के साथ खेलते हुए इंडिया टीम को जीत दिलाने में अहं भूमिका निभाई तो हैरानी की कथा व कहानी की संज्ञा नहीं दी जा सकती | कितना दबाव में वे खेल रहे थे, यह आकलन की विषय वास्तु है न कि तर्क की !
मैं तो हार्दिक पांड्या का कायल हो गया कि जिस सावधानी व सहज व सुझबुझ के साथ जीत को मंजिल तक ३७ गेंद पर नाबाद ४० रन बटोरे और जीत सुनिचित कर दी |
एक मर्मस्पर्शी दृश्य का वर्णन करना मेरे लिए गर्व की बात होगी कि जब टीम इंडिया जीत के लिए महज १ रन के लिए प्रतीक्षारत था तब अश्विन ने छक्का ठोंककर स्कोर को ३५६ तक पहुँचा दिया जबकि जीत के लिए महज १ रन की ही आवश्कता थी | स्टेडिम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था – सभी अभिनन्दन व वधाई में उठकर खड़े हो गए और तालियों की गूंज से “ जग घुमिया थारे जैसा न कोई ” के धुन पर जीत के जश्न में सराबोर हो गई और सराबोर हो गए “दंगल – दंगल धूम मची है” के संगीतमय लय, सुर व ताल से सभी दर्शक सभी धर्म, जाति, सम्प्रदाय व परम्परा को भुलाकर एक जुट होकर सबों ने इस उत्तेजक खेल का लुत्फ़ उठाया | इसीलिये कहा गया है कि क्रिकेट सबसे ऊपर उठकर, सब गीला – शिकवा भुलाकर सभी देशों के लोगों के दिलों को जोड़ने का काम करती है | जिसने भी इस खेल को दुनिया में इन बुलंदियों के शिखर तक पहुँचाया प्रतक्ष या अप्रतक्षरूप से उन्हें हमारा तहेदिल से नमस्कार ! आदाब !! शतश्रीकाल !!!
मुझे बचपन की एक बात याद आती है कि जब भी हम किसी खेल में विजयी होते थे तो बड़े जोश से एकस्वर में हुँकार भाते थे , “ हिप ! हिप ! हुर्रे ! और इसके साथ झूमते हुए गाते थे , “ जय हिंद का नारा गूंज उठा , हाथों में तिरंगा थाम लिया ! ”
वो जज्वा व जोश व जुनून क्रिकेट के खेल में सदियों बाद ही देखने को मिलती है कभी – कभी !
किसने क्या मन की बात कहकर उदगार प्रस्तुत किये, संछेप में उद्धृत कर रहा हूँ :
कपिल देव : टेलेंट बनाम टेम्परामेंट की जीत |
विराट कोहली : काउंटर एटेक करना है | और सबने की और जीत मिली |
एक नए युग का आविर्भाव हुआ जीत से |
बड़ी नहीं , बहुत बड़ी जीत है |
भारत की धरती पर दूसरी बड़ी चेज |
सौरभ गांगुली : एक आदमी को श्रेय देना होगा और वह है केदार जाधव |
दर्शक : ४ विकेट महज ६३ रन पर गिर जाने से अब सबकुछ खत्म हो गया – ऐसा हमने सोच लिया पर जिस तरह कप्तानी करते हुए विराट कोहली ने सम्भाला यकीन नहीं होता कि इंडिया जीत गया |
बल्लेबाजी का ऐसा दृश्य कभी नहीं देख सका |
लता मंगेशकर: इस जीत के लिए वधाई एवं शुभ कामनाएं|
अब क्या विश्व रिकार्ड बने इस मैच की जीत से एक नज़र में प्रस्तुतीकरण :
भारत की धरती पर दुसरा बड़ा चेज किया गया इंग्लैण्ड टीम के ३५० रन के विरोध में ३५६ रन बनाकर और वो भी ११ गेंद बाकी रहने पर | अद्भुत ! विस्मयकारी !!
एकदिनी मैचों में टारगेट का पीछा करते हुए सचीन तेंदुलकर की बराबरी – १७ शतक |
जाधव ने ६५ गेंदों में शतक लगाया जो भारत की और से चौथा सबसे तेज शतकबाज बना है |
विराट कोहली और केदार जाधव ने १४६ गेंद पर २०० रन जोड़े – विराट ने ९५ और जाधव ने १०२ रन जोड़े |
ग्लैण्ड ने कुल ३५० रन ७ विकेट में बनाए, इनमें १०५ रन आख़िरी ८ ओवर में बनाए |
इंग्लैण्ड के लिए जेसन रोय ७३, जो रूट ७८, बेन स्टोक्स ६२ रन जोड़े जबकि …
इंडियन टीम ने :
विराट कोहली १०५ गेंद पर १२२ रन, केदार जाधव ७६ गेंद पर १२० और हार्दिक पांड्या ने ३७ गेंद पर ४० महत्वपूर्ण रन बनाए |
लोग करते हैं कि विराट कि इस कप्तानी पारी से क्रिकेट के खेल में एक नए युग का उदय हुआ है और आनेवाले वक्त में भी इस रोमांचक जीत को सदियों तक नहीं भूल पायेंगे लोग |
अन्त में मेरी ओर से विराट कोहली व केदार जाधव एवं टीम के सभी खिलाड़ियों को बधाई और हार्दिक शुभ कामनाएं |
इसी जोश, जज्वा व जुनून के साथ खेलते रहिये, जीतते रहिये और सब के दिलोदिमाग पर छाये रहिये !
अपना , अपना परिवार का और देश का नाम रौशन करते रहिये ! फिर मुलाक़ात होगी !
बिना किसी भेड़ भाव के “ जो जीता वही सिकंदर ” के गुणगान से – आगे कई मैच हैं – आते रहेंगे और लेखन का शिलशिला यूँ ही जारी रहेगा |
सुप्रभात !
लेखक : दुर्गा प्रसाद |
एडवोकेट, समाजशास्त्री, मानवताधिकारविद, पत्रकार |
दिनांक : १६ जनवरी २०१७ , दिन : सोमवार | समय : ९.४५ ए.एम. |