पाँच सौ और हज़ार रुपये की नोटबंदी की घोषणा ८ नवंबर के संध्या आठ बजे जैसे हुयी उसी दिन या उसके दूसरे दिन एक दस रुपये के नॉट में किसी अज्ञात व्यक्ति ने “ सोनम गुप्ता बेवफा है ” लिखकर सर्कुलेसन में छोड़ दिया , फिर क्या था – छोटे नोटों से लेकर २००० के नॉट में यही बात लिखकर बाज़ार में घुमने लगे | अब ऐसे नॉट एक हाथ से दूसरे हाथ में घूमते रहे तो इसका परिणाम यह हुआ कि यह संबाद कई साईट पर वायरल हो गया और यह संबाद हज़ारों लोगों के संज्ञान में विगत दो हफ़्तों में इतना लोकप्रिय हो गया कि कई दुकानदार खाने – पीने इत्यादि चीजों पर छूट की घोषणा कर दी | विशेषकर होटलों में लोग आने लगे और चुस्की लेकर मजा भी उठाने लगे | सोनम गुप्ता कौन है इसका कल तक पता नहीं चल सका | लोग बेसब्री से इन्तजार करने लगे कि सोनम गुप्ता जो हो जिसके बारे यह संबाद लिखी गई है कम से कम विरोध जताने पब्लिक की सामने आ जाय , लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ | कोई महिला नहीं आई | ताजुब की बात है इस संबाद के विपरीत एक दुसरा संबाद नोटों में उभर कर आया कि “ सोनम गुप्ता बेवफा नहीं है |
कल (२६ .११.२०१६ ) संध्या कालीन समाचार जो ABP NEWS में प्रसारित किया गया , उसके अनुसार यह संबाद “सोनम गुप्ता बेवफा है” कोई कोड वर्ड है और इसका किसी महिला से सम्बन्ध नहीं रखता |
लोगों ने इस समाचार को देखकर व सुनकर चैन की साँस ली | यही नहीं न्यूज के संबाददाता ने इस सम्बन्ध में किसी वरीय अधिवक्ता से भी सलाह – मशविरा किया कि ऐसे मुवामले में कानूनी कार्यवाही क्या हो सकती है ?
पहली बात तो जिसके बारे यह संबाद लिखी गई है , उसे सामने आकर प्रामाणित करना होगा कि यह उसके बारे लिखी गई है तब भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत लिखनेवालों के विरोध में कानूनी कार्यवाही की जा सकती है | दुसरी ओर बिना साक्ष्य या सबूत के कोई कार्यवाही नहीं हो सकती |
इस सन्दर्भ में कई वर्षों पूर्व की ऐसी ही घटना का जिक्र किया गया कि राजस्थान के पोखरण से कोई अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किये जाने के वक्त “ Buddha Smiling ” अर्थात “बुद्धा मुस्करा रहे हैं” कोड पब्लिक में वायरल हुआ था |
इस सन्दर्भ में जैसा कि न्यूज चेनल से ज्ञात हुआ कि सम्पूर्ण कोड वर्ड का अर्थ ५०० एवं १००० रुपये के नॉट बंद हो जाने से हैं |
अब इसमें कितनी सच्चाई है अब भी संशय बना हुआ है |
आज उन्नीस – बीस दिन हो गए क्या अब भी यह संबाद चलन में जीवंत है कि मृत्य हो गए ? दुसरा प्रश्न अब भी अनुत्तरित है कि इस तरह के संबाद के पीछे क्या उद्देश्य है ?
१. क्या मनोरंजन के ख्याल से या कोई सस्पेंस पैदा करने के ख्याल से किया गया ? या
२. किसी अति महत्वपूर्ण समाचार को कोड वर्ड के द्वारा किसी व्यक्ति या समुदाय को पहुंचाने के लिए किया गया ?
३. या किसी व्यक्ति विशेष को आहत या बदनाम करने के उद्देश्य से किया गया जो किसी मजबूरी की वजह से न तो विरोध कर रही है न ही सामने आ रही है |
जो भी वजह हो किसी भी महिला का नाम लिखकर जन समुदाय में अफवाह या भ्रम फैलाना अनुचित व अन्यायपूर्ण है | इस तरह के अनधिकृत कार्य से समाज को एक गलत सन्देश जाता है |
यदि लिखना ही था तो ढेर सारे विकल्प थे जैसे :
१. सुनामी आनेवाला है
२. ज्वालामुखी फटनेवाली है
३. नाव डूबनेवाली है
४. तू चीज बड़ी है मस्त – मस्त
५. चाहे मुझे कोई जंगली कहे
६. प्यार किया तो डरना क्या
इस प्रकार के कोड वर्ड होने से किसी व्यक्ति विशेष पर कटाछ नहीं होता | सोच को परिमार्जित करने की आवश्कता है ताकि किसी को कुछ शिकायत का मौका न मिले |
नारी समाज में चाहे जिस रूप में क्यों न हों समुचित सम्मान व आदर के पात्र हैं |
देवो रम्येंते यस्य नारी पूज्येंते |
अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवतालोग वास करते हैं |