DO CHOR- Who is a thief? A thief is of many kinds. Thieves steal so many things. Some will steal money and valuables. The others will steal goodwill and good heart. A few will steal people’s faith. So a thief is one who steals something, good or bad. Stealing young girl’s heart is also not something to be ignored. This act is also to be counted as that of a capable thief.
वे हैं दो चोर। बहुत ही मशहूर। साथ-साथ मिलकर चोरी करना चाहते हैं। पहले वे यह जानना चाहते हैं कि वे दोनों कितने बड़े चोर हैं। उसके बाद ही वे आपस में मिलजुलकर चोरी करने का फैसला करेंगे।
“दोखो, मैं नं. 1 चोर हूँ। तुम इसमें संदेह मत करना। मेरे साथ हाथ मिलाने से तुमको बहुत बड़ा फायदा होगा। “ अंकित ने कहा।
“अच्छा..?तुम अपने को इतना बड़ा चोर मानते हो? ठीक है। मैं भी कोई छोटा-मोटा चोर नहीं हूँ, मैं बहुत बड़ा चोर हूँ। पहले तुम अपना कहानी सुनाओ, फिर हम तय कर लेंगे कि हमें मिलकर चोरियां करना है कि नहीं?“ अंकुश ने कहा।
“पहले तुम अपनी चोरियों का ब्योरा दो।“अंकित ने कहा।
“दरअसल, मोरी चोरियाँ बचपन से ही शुरू हुईं। जब मैं बच्चा था, मुझे एक जान पहचान वालों के घर में ले गया। तभी अचानक माँ को मालूम हुआ कि जो गिफ्ट उनको देने के लिए घर में ऱखा गया, उसे लाना वह भूल गई है। इस लिए माँ घर जाते हुए, मुझे संभालने का भार उस घर की अपनी सहेली के हाथ में रखा गया। णैं ने देखा कि उसका बच्चा भी मेरी आयु का है। मैं ने उसका दूध चुराने के लिए उपाय सोचा, बहुत रोने चिल्लाने लगा। उस औरत ने सोचा कि मैं दूध के लिए रो रहा हूँ, इस लिए उस माँ ने मुझे गोद में लेकर, अपने बच्चे का दूध मुझे पिला दिया। इस तरह मेरी चोरी बचपन से ही शुरू हुई।“अंकुश ने कहा।
“अच्छा.. तुम सचमुच बड़े चोर लगते हो। उसके बाद की क्या कहानी है?“ अंकित ने पूछा।
“जब में स्कूल में पढ़ रहा था, तब मैं ने एक लड़की का दिल चुरा लिया। बेचारी अभी बहुत छोटी थी, इस लिए उसन् मुझ से विनती किया कि मैं उसका दिल वापस दे दूँ। उसने वादा किया कि बडी होने के बाद एक और बार इस चोरी को मैं दोहरा दूँ, तब इस बात पर विचार किया जाएगा। मुढे लगा कि यह लड़की आगे चलकर बहुत बड़ी पोलिटिकल लीडर बन सकती है, इस लिए मैं ने उस वक्त अपनी चोरी का माल, यानी उसका दिल उसे दे दिया।“अंकुश ने कहा।
“वाह रे वाह.. तुम बेमिसाल का बड़ा चोर लगते हो। उसके बाद की क्या बात है?“ अंकित ने पूछा।
“फिर जब मैं बड़ा हो गया और अपनी चोरी का काम छोड नहीं सका। अपने ही मोहल्ले में एक लड़की है जिसे लोग शक की नजर से देखते हैं। जब सब लोग देख रहे हैं तो मैं क्यों नहीं देखूँ, मैं ने सोचा। वह लड़की एक पुलिस कान्स्टेबल की लड़की है। इस लिए लोग कुठ डरते हैं। मैं ने डर को दूर रखा, उसके पास जाकर कहा – जल्दी मुझे अपना दिल दे दो। मैं तुझ को प्यार कर रहा हूँ। उस लड़की नंबर 1 की पुलिस परिवार की है। वह चिल्लाने लगी – चोर चोर पकड़ो पकड़ो। उस का पिता घर से बाहर आया और मुझे पकड़कर पूछा कि मैं ने कौनि सी चोरी की है। मैं बेधड़क और निर्भीक था, मैं ने कहा कि मैं उसकी लड़की का दिल चुरा लिया और उसे वापस पाने के लिए चिल्ला रही है। पुलिस वाले ने मेरे चेहरे की ओर चोर की नजर से देखा और मुझ से कहा कि मत देना, ले जाओ अपने साथ। उसकी बेटी ने कहा – हाय पाप, कितने अच्छे हो तुम, हमारी शादी करा दो ना। मेरा बाप मेरी चोरी की बात सुनकर शरमाकर पानी पानी हो गया और सोचा कि मैं बहुत बड़ा चोर हूँ। आखिर मेरा बाप इस चोरी के फैसले में मुझे पुलिस मामा की बेटी को दे दिया और मैं उस चोरी को जिंदगी भर भूल नहीं सकता।“अंकुश ने कहा।
“अरे यार.. तुम बेमिसाल में बहुत बड़ा चोर हो। वरना जीवन भर की सजा कहाँ मिलेगी। है ना?“ अंकित ने कहा।
हाँ में अंकुश ने सिर हिलाया। उसे बड़ा गर्व महसूस हुआ।
“अच्छा भई अकित, अब तुम भी अपनी चोरी का किस्सा सुनाओ ना।“अंकुश ने कहा।
अंकित सोचने लगा कि बह सचमुच में अंकुश से बड़ा चोर बन सकता है। वह अपनी कहानी सुनाने लगा।
“अच्छा भई अंकुश, मैं भी तुम्हारे जैसे दूध चुराने की कोशिश की, लेकिन फेल हो गया और मार खाना पड़ा।“अंकित ने कहा।
“ऐसा कैसे हुआ? मैं पकड़ा नहीं गया ना, तुम कैसे पकड़े गये हो ?“ अंकुश ने पूछा।
“क्यों कि…क्यों कि तब.. मैं छोटा नहीं हूँ, बड़ा हो गया था ना। यही मे री गलती है।“अंकित ने कहा।
“ओह, यह बात है?यह तुम्हारी फेल्यूर वाली चोरी की कहानी है, थोड़ा सक्सेस की कहानी भी सुनाओ ना ?“ अंकुश ने कहा।
“वही अब मैं बताने जा रह हूँ। उन जिनों में मॆं डिररी पास करके सिटी में नौकरी की तलाश में हूँ। मुझे नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन वह घर मिल गया। मेरे पड़ोस वाली का घर। उसका पति कोई छोटी नौकरी कर रहा था। रोज पीकर घर आता था और घर में भी पीता ही रहता था। यह हालत मुजे अच्छा दिखाई पड़ा, चोरी करने के लिए।“अंकित ने कहा।
अंकुश सावधानी से सुन रहा था, अपने दोस्त की चोरी के बारे में। अंकित बताते जाने लगा।
“मैं ने उस घर में चोरी करने का निश्चय कर लिया। उस घर में चोरी के लिए मुझे कोई कीमती वस्तु दिखाई नहीं पड़ी। णैं ने इधर-उधर देखा तो उस घरवाले की औरत मेरी नजर में पड़ी। मुढे वही कीमती लगी। मैं ने उसके साथ प्यार लड़ाया और एक दिन उस को उढाकर इस सिटी में आ गया। तब से मैं उस चोरी के माल के साथ जीवन बिता रहा हूँ।“अंकित ने कहा।
“वाह भई वाह.. तुम बेमिसाल का बहुत बड़ा चोर हो। मैं मानता हूँ। चलो, अब हम दोनों चोर दुनिया को लूटना शुरू करेंगे। पहले हमें कहाँ चोरी करना अच्छा है?“ अंकुश ने पूछा।
“फिलहाल, तरकारियों के दाम आसमान को छू रहे हैं। तरकारियाँ बेचने वाले लोगों की मजबूरी पर उनके पैसे चुरा रहे हैं। हम भी तरकारियाँ बेचने वाले बनेंगे। मार्केट में एक शाप ले लेंगे और दूसरों से थोड़ा कम दाम पर तरकारियाँ बेचकर, छोटी चोरी से हमारी बड़ी चोरी की शुरूआत करेंगे।“अंकित ने कहा।
इस तरह दो चोरों ने अपनी अगली चोरी का अच्छा प्लान बना दिया और शाप लेने के लिए चल पड़े।
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