मैं पत्थर हूँ तो क्या हुआ,
किसी के छडिक प्यार से द्रवित तो हुआ नहीं
मैं पत्थर हूँ तो क्या हुआ,
किसी छोटी सी ठोकर से टुटा तो नहीं,
मैं पत्थर हूँ तो क्या हुआ,
तुम्हे भीषड गर्मी और बरसात से बचाया तो हैं
मैं पत्थर हूँ तो क्या हुआ,
हे मानव तुमसे कुछ कम तो नहीं