सपनों की उड़ान: This Hindi story highlights the dream of a girl and her struggle of life,lastly her dream makes the reason to live respectfully in her society.
ये कहानी ‘चंचल’ की है ,जैसा नाम वैसी ही थी वो बिलकुल चंचल स्वभाव वाली लड़की।.घर में सबकी दुलारी थी वो,स्कूल में टीचर्स और अपने दोस्तों की भी चहेती थी। .एक दिन स्कूल में सब लोग बड़े होकर डॉक्टर,इंजीनियर या पायलट बनने की बात कर रहे थे,तभी किसी ने पूछा-” चचल तुम क्या बनोगी?”
चंचल ने कहा-” पेंटर ”
उसका जवाब सुनकर सब लोग हॅस दिए।.चंचल ने सोचा उसने ऐसा क्या कहा जो सब हॅस रहे हैं।, अब अक्सर उसके दोस्त उसको देख कर कहते थे-” देखो पेंटर मैम आ रही हैं !” .
वक्त बीतता गया स्कूल का टाइम भी बीत गया।.उसके सभी दोस्त अपने अपने करियरकी तयारी करने लगे पर चंचल का तो एक ही सपना था पेंटर बनना।.
एक दिन उसके पापा ने पूछा-“बेटा!अब तुम्हें भी अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए,ये पेंटिंग हॉबी हो सकती है पर तुम्हारा करियर नहीं।.
चचल ने कहा-“पापा पेंटर बनने में क्या बुराई है ? ये मेरा सपना है और मै अपने सपने को पूरा करना चाहती हूँ”।.
पर चंचल के पापा नाराज होगये और कहे-“मै कुछ नहीं जानता तुम्हें अपने भईया की तरह एम.बी.ए. करना है”।.
चचल ने उन्हें बहुत समझाना चाहा पर वो न माने।. थक हारकर चंचल को अपने पापा की बात माननी पड़ी और उसने बी.कॉम.पूरा करके एम.बी.ए. में एडमिशन ले लिया।. एम.बी.ए अच्छे नम्बरों में पास करते ही, चंचल को एक कंपनी में अच्छी सी जॉब मिल गयी,पर आज भी चंचल के दिल के एक कोने में उसका सपना छुपा था जिसमे वो रंग भरना चाहती थी,अपने सपने को उड़ान देना चाहती थी।.
एक दिन चंचल की फ्रेंड मेघना का फ़ोन आया-“हेल्लो! पेंटर मैम कैसी है आप? मेरी शादी हो रही है और तुझे आना है,
बातों- बातों में उसने बताया कि शादी के बाद वो अपनी पी.एच.डी. पूरी करेगी क्योकि उसके होने वाले हस्बैंड उसकी हेल्प करेंगे ।.चंचल ने सोचा चलो वो भी अपना सपना शादी के बाद पूरा करेगी,हो सकता उसे भी अच्छा पति मिल जाये।. एक दिनचंचल के पापा ने बताया लड़के वाले आरहे हैं चंचल को देखने,लड़का अच्छी जॉब में है,पढ़े- लिखे लोग है चंचल का मान सम्मान भी करेंगे,चंचल के लिए इससे अच्छा रिश्ता और क्या होगा।.और एक दिन चचल कि शादी होगयी अमित से।
ससुराल आने पर चंचल को अमित का स्वभाव बड़ा अजीब सा लग रहा था वो हमेशा बिजी ही रहते थे मानो चंचल के लिए उनके पास टाइम ही न हो।. ऐसे में एक दिन बड़ी हिम्मत करके चंचल ने अमित से अपनी जॉब छोड़कर पेंटिंग का अपना सपना बताया,अमित आग -बबूला होकर चंचल को डाँटने लगे,चंचल को लगा आखिर उसने ऐसी कौन सी गलती कर दी जो अमित उसे इस तरह डांट रहे हैं…यही सोचते हुए चंचल अमित के लिए चाय बनाने चली गयी कि शायद चाय पीकर अमित का मूड कुछ ठीक हो जाये।. चाय लेकर चंचल रूम के दरवाजे तक ही पहुची थी कि अचानक उसने जो कुछ सुना उसके होश उड़ गये …!
अमित अपनी माँ से कह रहे थे-“माँ,तुम्हारे कहने पर मै तुम्हारी बहू ला दिया, उसे अब तुम ही सम्भालो,क्योकि तुम्हें तो पता है मै चंचल से प्यार नहीं करता सिर्फ उसकी जॉब देख कर उससे शादी किया था ताकि मेरे यू.ऍस.ए जाने . के बाद वो तुम्हारा ध्यान रखे,मै वहाँ पर टीना के साथ अपनी आगे कि जिंदगी बिताना चाहता हूँ,लेकिन तुम्हारी बहू तो जॉब छोड़कर पेंटर बनना चाहती है,इसलिए मै नया फ्लैट उसके नाम फाइनेंस करा रहा हूँ ताकि वो जॉब न छोड़ सके।.
ये सब सुनते ही चंचल के हाथों से चाय की ट्रे छूट गयी और ऐसा लगा जैसे उसके सारे सपने टूट गये , उसने अमित से कहा-“अब मुझे आपका स्वभाव समझ आरहा है, आपने सिर्फ पैसे के लिए मुझसे शादी की,मेरी भावनाओ से आपको कोई मतलब नहीं है?”
चंचल उसी वक्त अपने मायके जाना चाहती थी पर उसकी सास और पति ने उसे जाने नहीं दिया,यहा तक की उसका मोबाइल भी लेकर स्विच- ऑफ कर दिया और अब उसके साथ नौकरानी की तरह बर्ताव होने लगा था,उसे कही भी जाने नहीं मिलता था और न किसी से मिलवाया जाता।,इतनी पढ़ी लिखी लड़की के साथ ऐसा हो सकता है चंचल ने कभी भी सपने में नहीं सोचा था,जब भी उसके घर से फ़ोन आता तो कहा जाता था उसका मोबाइल खराब है ठीक करने को भेजा है,उसका पति या सास सामने बैठे रहते तब वो बात कर पाती थी ।,चाह कर भी वो कुछ न बता पाती थी,
पर एक दिन चंचल से बात करते समय उसकी माँ को लगा मेरी बेटी तो बहुत चंचल थी न जाने क्यों इतनी खामोश रहने लगी और बिना बताये उसके ससुराल पहुँच गयी।,बेटी का हाल देखते ही माँ को सब समझ आगया,और वो अपनी बेटी को अपने घर ले आयी,चंचल की जिंदगी अब बेरंग सी हो गयी थी,वो बहुत बीमार हो गयी थी, शायद पूरी तरह टूट गयी गयी थी, उसकी जॉब भी छूट गयी थी, उसके परिवार,दोस्तों ने मिलकर उसे इमोशनल सपोर्ट दिया,पर अमित ने कभी उसका हाल तक न पूछा बल्कि टीना के साथ यू ऍस में रहने लगा ,आखिर एक दिन चंचल ने फैसला ले लिया की वो अमित से तलाक लेगी क्योकि ऐसा झूठा रिश्ता निभा कर क्या मिलेगा.?.क्योकि अमित के लिए वो सिर्फ पैसा कमाने वाली मशीन थी,और अमित से चंचल का तलाक हो गया।
एक दिन अचानक चंचल की नजर न्यूज़ पेपर पर पड़ी जिसमें एक पेंटिंग कॉम्पेटिशन के बारे में दिया था।.चचल ने उस कॉम्पेटिशन में प्रतिभाग करने के बारे में सोचा और उसमे प्रतिभाग करके वो फर्स्ट प्राइज जीती,उस दिन वो बहुत खुश थी।.उसके मम्मी-पापा को भी लगा आज बहुत दिनों के बादउनकी चंचल उन्हें वापस मिली है और आज उसके पापा ने कहा-“बेटा!तुम आपना सपना पूरा कर लो, दे दो अपने सपने को उड़ान,भर दो अपने जीवन में रंग…!”
ये सब सुन कर चंचल को जीने की राह मिली और पहले वो छोटे- छोटे कॉम्पेटिशन में भाग लेने लगी और वहाँ की सफलता ने उसके सपनो को उड़ान दिया जिनके कारण आज वो बहुत बड़ी पेंटर बन गयी है,इसी सपने ने उसे सम्मान दिया, उसे एक पहचान दिया।.आज उसके दोस्त गर्व से कहते हैं देखो पेंटर मैम आरही हैं…!और चंचल खिलखिला कर हॅस देती है।.
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