कोई तो सुनो(Koi to Suno)This social Hindi story reveals a man’s desire to share an incident in his life and his helplessness to be able to find a soul who can pay heed and listen……
तो कहानी कुछ ऐसी है कि एक ताँगे वाला रोज़ रेलवे क्रासिंग के पास मुसाफिरों की प्रतीक्षा में खड़ा रहता था। रोज़ शाम की तरह आज भी रेलगाड़ी आकर क्रासिंग पे रूकती है और एक परिवार के चार लोग हाथ हिला कर उस बुज़ुर्ग ताँगे वाले को बुलाते हैं। वो पास पहुँचता है , एक ऊंचे कद वाला आदमी बेमने ढंग से पूछता है ,अलीगंज चलोगे ?
जी सरकार बिलकुल चलूँगा।
चारों लोग ताँगे पे बैठ जाते हैं और घोड़े की लगाम खिंचती है | ताँगा चल पड़ता है। परिवार वाले किसी मजलिस से लौटे हैं, मालूम होता है ,काफी शोर शराबा कर रहे हैं। ” तेरी जान कितना मेकअप कर रखी थी , सिंपल ही अच्छी लगती है ” । । ओये हरामी ,अपना मुंह बंद कर!! दूसरे ने कहा | “अच्छा सलीम को क्या हो गया था । साला चुप ही नही हो रहा था , ऐसा लग रहा था मानो चमगादड़ ने काट लिया हो। “
एक अचानक बोला ,” ओए किधर ले जा रहा घोड़ा। सीधे चला ,सीधे !! हरी चुपचाप मुस्कुराया,और फिर सड़क की ओर देखने लगा।
हरी सारी बातें सुन रहा था और कुछ कहना भी चाहता था। धीरे धीरे रास्ता घटने लगा था। चारों कुछ शांत हुए। हरी ने पीछे मुड़के देखा तो आँखें मूँद रखीं थीं मुसाफिरों ने।
हाँ मुसाफिर ही तो थे और क्या थे उसके लिए। बस मकाम तक पहुंचाने भर का ही तो काम था और अगर कोई अकड़ जाए तो मुस्कुरा के सीधे सड़क पर पर नज़र। वो किस से कोई बात करे । किसके पास वक़्त है कि उसको भी कोई सुने।
इतने में देखते ही दो लौण्डे रोक कर ताँगा चढ़ गए। सालों ने पी रखी थी। एक इस कोने और दूसरा दुसरे कोने। ” कल तो साल हद्द हो गयी , चार बोतलें खाली कर दीं व्हिस्की की और उसके बाद ऐसा सोया हूँ कि बस अभी उठा हूँ–सुना आज सुबह अस्पताल में कोई मर गया ” . यह सुनते ही हरी के हाथ से लगाम छूटने लगी और घोड़ा तेज़ हो गया,ताँगा इधर उधर डोला |
दोनों चिल्ला के बोले ,” अबे बुड्ढे !! सीधे चला ,सीधे।कहाँ ध्यान है तेरा।।हरी कुछ कहने के लिए पीछे मुड़ा कि एक ने झुककर गर्दन पे पीछे से हाथ मारा। हरी फिर थोड़ा हँसा। कुछ बोला नहीं। ताँगा फिर आराम से चलने लगा।
रात के साढ़े नौ बज चुके थे। सब को उतारकर हरी अपने कमरे में पहुंचा। कमरा क्या था ,एक सरकारी चारदीवारी जहां उसके जैसे कई ताँगे वाले रात गुजारते थे।
एक नौजवान ताँगे वाला आँख मीचते उठा , हरी ने उसे कुल्हड़ में पानी दिया और बोला आज सुबह मेरा बेटा मर गया अस्पताल में। नौजवान पानी पीकर बिना कुछ कहे फिर से बिस्तर पे जा पड़ा।
हरी के अंदर आग लगी हुई थी। किस को कहे, किस से बताये कि उसके जवान बेटे ने आज सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसने आखिरी बार क्या बोला था हरी से? उसे कहाँ जलाया? ,कितने पैसे लगे ?
वो तेजी से उठा और अस्तबल कि तरफ भागा। अपने घोड़े के पास पहुँचते ही आँसू टपक छलक गए उसके गालों पे। घोड़े ने अपना मुंह उसके कंधे पे रख दिया और हरी ने सब कुछ उसे कह सुनाया और वहीँ गिर पड़ा।
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