This Hindi story gives writer’s views on expense of few crore on PM’s 62 foreign tours in last 8 years starting from 2004.He suggests better to repay foreign loan
रामखेलावन जब मस्ती में होता है तो मेरे सामने कोई न कोई पुराना रिकार्ड बजाते हुए आता है . आज भी वही हुआ जिसका अंदाजा मुझे था :
न हाथी है , न घोड़ा है , वहाँ पैदल ही जाना है , सजन रे झूठ मत बोलो … मैंने उसे एक भले आदमी की तरह बीच में ही टोक दिया यद्यपि बीच में टोकना अनुचित था.
मेरा मन नहीं माना तो सवाल दाग दिया : क्यों भाई रामखेलावन ! कहाँ जाने की बात कर रहे हो ?
कहीं अमरनाथ या वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा पर जाने का प्लान तो ?
हुजूर ! इसमें क्या शक है. वहीं से तो स्वर्ग का पथ प्रारंभ होता है. धीरे – धीरे आगे बढ़ते जायेंगे तो एक न एक दिन स्वर्ग पहुँच ही जायेंगे .
रामखेलावन ! अब स्वर्ग में हाऊसफूल है . वहाँ सीट मिलने से रहा. इतनी लम्बी वेटिंग लिस्ट है कि हजारों साल में भी नंबर आने का कोई चांस नहीं .
हुजूर ! तब क्या करें ?
अपनों से सीखो स्वर्ग का सुख धरा पर कैसे प्राप्त की जाती है ?
वो कैसे , हुजूर ?
लगता है , इधर कुछ दिनों से पेपर पढ़ते नहीं हो , किसी हाकर का तो पैसा – वैसा बाकी तो नहीं है ? रघुआ कह रहा था कि तीन महीनों से पेपर का पैसा नहीं दिए हो . ….. की तरह बेवजह टरकाते आ रहे हो ?
आप को ई सब बात कैसे पता चल जाता है ?
आर टी आई के अंतर्गत . दूसरी बात हमारे देश में दूसरे मुल्कों से सख्त क़ानून है , भले ही लोग पालन करे या न करे , वो दूसरी बात है . तीसरी बात है कि …
तीसरी भी है , हुजूर !
तीसरी ! देश में तो अब हजारों – हज़ार बातें हैं . , और तुम तीसरी पर ही बेदम होने लगे ?
हुजूर ! तो सुनाईये .
तो तीसरी बात यह है कि हमारे सोने की चिड़िया जैसे देश के प्रधानमंत्री विदेशी यात्रा ( यात्राओं ) पर खर्च किया है महज 642.45 करोड़ रुपये – महज विगत आठ वर्षों में – महज 62 यात्राओं में . ( सन्दर्भ दैनिक जागरण पृष्ठ संख्या – 13 , धनबाद , दिनांक – 10 जून २०१३ , दिन – सोमबार )
ई सब गोपनीय आंकडा पब्लिक के हाथ कैसे लगता है , हुजूर ?
पहला तो देश में आर टी आई ( RTI ) क़ानून बना है , जिसके प्रावधानों के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सूचना के अधिकार के अंतर्गत कोई भी सूचना प्राप्त कर सकता है .
दूसरी बात देश में एक से बढ़कर एक वीर पुरुष ( वीर नारियां भी ) हैं , जो इन सब बातों पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं और गड़ा मुर्दा उखाड़ने में रूचि रखते हैं .
वो गाना शायद तुमने नहीं सुना .
कौन सा ?
पब्लिक है सब कुछ जानती है …
सुना है , हुजूर !
वो कहावत नहीं सूनी ?
कौन सा , हुजूर ?
यावत् जीवेत सुखं जीवेत , ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत .
अर्थात ?
अर्थात जबतक जीओ , सुख से जीओ , कर्ज करके घी पीओ .
अर्थात , कहने का तात्पर्य ?
देश पर अरबों – खरबों का विदेशी कर्ज है , वो चुकाने की चिंता किसी को नहीं सता रही है , चिंता सता रही है कि कैसे जन – धन को दोनों हाथों से लूटाया जाय और …. ?
हुजूर ! उ बतिया तो बतैबे नहीं किये ?
कौन सी बात ?
समझ गया . आठ वर्षों में 642.45 करोड़ रुपये खर्च तो एक वर्ष में कितना ?
हुजूर ! मैं गणित में फिसड्डी था . आप ही बतलाईये .
प्रति वर्ष करीबन 80.30 करोड़ रुपये .
प्रति यात्रा कितने रुपये हुए , हुजूर ? यह भी आंकड़ा अपने सुधी पाठकों को बता दीजिये .
कूल खर्च 642.45 करोड़ रुपये महज 62 विदेशी यात्राओं में तो एक यात्रा में कितने रुपये ?
रामखेलावन ! यह सातवें वर्ग का विद्यार्थी बता सकता है. एकैक नियम के फार्मूले के अंतर्गत .
हुजूर ! हमने तो महज तीन जमात ( क्लास ) तक ही पढ़ा है .
चलो , यह भी बता देता हूँ .
सुधी पाठकों के लिए , न कि तुम्हारे लिए .
642.45 करोड़ रुपये भागा 62 = 10.36 करोड़ रुपये प्रति यात्रा .
हुजूर ! एक बात जनाना चाहता हूँ .
रामखेलावन ! जनाना नहीं , जानना चाहता हूँ .
बोलो .
यदि सभी मंत्रियों का विगत आठ वर्षो का विदेश यात्राओं पर खर्च निकाला जाय तो कितने अरब , कितने करोड़ , कितने लाख , कितने हज़ार , कितने सौ , कितने रुपये होंगे , हुजूर ?
ऐसा तुम सवाल करते हो कि कोई जानकार ही जबाव दे सकता है. मैं नहीं .
हुजूर ! अभिये तिलमिला गये क्या ? दो सवाल अभी भी बाकी है .
पूछो , जल्दी से . मुझको चह्वास ( चाय पीने की तलब ) लगा हुआ है.
विदेसी यात्रा में तो विदेसी – मुद्रा खर्च होता होगा .
हाँ , अभी रूपया नरम है और डालर गरम .
ई नरम गरम क्या होता है , हुजूर !
ऐसे समझो तुम अमेरिका गये विदेसी टूर पर . किसी होटल में महज एक दिन ठहरे . एक दिन का भाड़ा ( किराया ) हुआ एक हज़ार डालर . समझ लो २२ जून २०१३ का दिन है . तो तुम्हें रूपये प्रति डालर के हिसाब से भुगतान करना होगा . इस दिन का विनिमय दर है – एक डालर = ५९.२८ रुपये . तो तुम्हें भुगतान करना होगा = १००० डालर गुणा ५९.२८ रुपये = ५९२८० रुपये अर्थात तुम्हें भारतीय मुद्रा में ५९२८० रुपये भुगतान करना होगा .
जहां तक नरम गरम की बात है यह वर्तमान विनिमय दर जैसे ५९.२८ रुपये प्रति डालर के घटने – बढ़ने से है . जैसे अगले वर्ष इसी तिथि को ७० .२८ रुपये हो जायेंगे तो कहेंगे रूपया नरम हो गया . दूसरे शब्दों में डालर गरम हो गया. यही २२ जुलाई २०१३ को ५०.२८ रुपये हो गया तो कहेंगे रूपया गरम हो गया अर्थात डालर नरम हो गया . अब समझा कि … ?
बुतुरु ( छोटा बच्चा ) की तरह समझा दिए , हुजूर !
अब ज्यादा दिमाग मत चाटो. ज्यादा पूछना ही है तो संसदीय चुनाव २०१४ में होनेवाला है . किसी पार्टी की टिकट लेकर चुनाव जीतो और सांसद बन जाओ , फिर संसद में प्रधानमंत्री और मंत्रीगण से सवाल पूछकर
अपना ज्ञान का पिटारा भरते रहना . मगजमारी में मेरा माथा झन्ना रहा है .
देखा , रामखेलावन चाय बनाने रसोई घर में चला गया . और मैं ? मैं रेडिओ पर आते हुए भूले – विसरे
गीत – संगीत में निमग्न हो गया :
गरीबों का पसीना बह रहा है ,
गरीबों का पसीना बह रहा है |
बहते – बहते ये पानी कह रहा है ,
कभी वो दिन भी आएगा ,
ये पानी रंग लाएगा , ये पानी रंग लाएगा …
( फिल्म ; नया आदमी – १९५६ , गायक : मोहम्मद रफ़ी )
लेखक : दुर्गा प्रसाद , गोबिंदपुर , धनबाद , दिनांक – २४ जून २०१३ , दिन – शुक्रवार |
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