“Mera Baabul” – This Hindi poem is a true feeling of all the darling daughters of their daddy. I wrote this poem 10 years back while I was missing him so much.. No Distance can fade the love and the bonding in between fathers and Daughters…. God bless all the Fathers!!!
बाबुल ने मेरे दी जो निशानी,
मेरे दिल में बस्ती है उसकी कहानी.
बचपन की यादे,जवानी की बातें.
याद आ रही है वो अपनी कहानी.
बाबुल ने ……
जो तपती थी धरती,और, पाँव थे नंगे .
वो लेकर के बाँहों में मुझसे ये कहेते .
आ मेरे बच्चे मैं तुझको उठाऊं ,
तुझे तपती गरमी से आ मैं बचाऊं .
याद आ रही है उनकी वो बातें,
जो दिल में बस्ती है उनकी वो यादे.
जो गिरते थे हम,हमें वो उठाते .
सदा भटकी राहों से हमको बचाते .
कभी मन जो घबराया उन्होंने संभाला .
बाबुल तो मेरा है जग से निराला.
याद आ रही है उनकी वो बातें,
जो दिल में बस्ती है उनकी वो यादे.
जो योवन आया सभी मुझको बोले.
तू लगती है बिल्कुल पापा के जेसी .
सच तो है बाबुल मैं हु तेरी लाडो .
तो क्यों न लगूंगी मैं तेरे जेसी.
याद आ रही है सभी की वो बाते .
दिल में छुपी है जो मीठी सी यादे.
मेरी बिदाई की मुश्किल घड़ी थी.
बाबुल ने मेरे जो हिम्मत राखी थी.
बोले बेटा मैं हूँ तेरे साथ.
तू न घबराना जो मुश्किल हो हर बात.
याद आ रही है उनकी वो बाते,
जो दिल में छुपी है उनकी वो यादे.
बस गई मेरे ज़हन में हर एक,
नसीहत जो बाबुल तुने दी थी.
मेरे ज़हन में तेरी छवि तो,
इश्वर से कुछ कम न होगी.
याद आ रही है उनकी वो बाते,
जो दिल में छुपी है उनकी वो यादे.
माँ है अगर ममता की मूरत ,
तो बाबुल तू है उसका रखवाला .
सारे जहा मे कोई न होगा,
बाबुल सा प्यार लुटाने वाला .
यादो और बातो की लम्बी कहानी,
भूले उसे न कभी ये दीवानी .
याद आ रही है तेरी वो बाते,
जो दिल में छुपी है मीठी सी यादे.
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