माँ एक थी तेरी कोख मे दुनिया.. – A feeling of a child for her mother after getting apart from her.. When a child is grown up and learn the meaning of separation then he/she realise how nice it was to stay inside the Womb of their mother all the time.. Wo worries, no tensions, no responsibilities n nothing to loose.. Because inside the child(baby) is aware that his/her mother is taking care!
“Mothers are blessings.. God is busy solving endless problems of everybody that’s why he has created mothers in every house to look after all the children!”
माँ एक थी तेरी कोख मे दुनिया.. इस दुनिया से लाखों भली,
घुप्प अंधेरा मेरा घर मे था पर तेरी धड़कन थी नज़दीक वही!
आवाज़ को सुन मै राहत को पाती..तू संग संग ही रहती थी मेरे,
जिस्म मे तेरे रूह बसी जो.. मेरी पक्की साथी थी!
न चिंता भूख की रहती.. न भोजन का वक़्त मै तकती थी,
खेल खेल के थकती थी फिर उलट पलट के सोती थी!
मुझको क्या दुनियादारी से.. बस तुझमें जान ये बसती थी,
तेरे तन की गरमी मे मै सुख के सपने बुनती थी!
उम्र बहुत छोटी थी व् थोड़े वक़्त की सीमा थी,
तुझमें तुझसंग हर पल रहना.. बस वो ही तो एक दुनिया थी!
बेफ़िक्र व् भय रहित.. माँ शरण मे तेरी सुरक्षित थी,
इस दुनिया के मोह मे पड़कर.. हर उस सुख को खोने लगी!
न भाया माँ बाहर आना.. भारी है सब अनुभव करना,
सीख के बाहर क्या हासिल हो जो अंदर के साथी को था खोना!
तेरी धड़कन को मै याद करूँ.. लोरी वही तो भाती थी,
बाहर के इस शोरगुल मे आवाज़ तेरी का व्यस्त अब होना!
हाथ पैर सब अंग है मेरे.. पर नाड़ वो जाने कहा गई,
ईश्वर की बाँधी गाँठ थी वो.. जो झूला मुझे झुलाती थी!
मेरा रोना कोई न समझे.. पर तू तो सब कुछ जानती है,
माँ तुझमें मुझको रहना है.. माँ तू भी तो ये मानती है!
अब तो बड़ते जाना है.. पाकर सब कुछ त्यागना है,
त्याग ही है आधार अगर.. वरदान को फिर क्यों पाना है!
इस दुनिया के है सख़्त नियम..और तेरी कोख मे नरमी है,
शिशु भी फ़र्क़ बता देगा.. कौन सी गोद मेरी जननी की है!
माँ एक थी तेरी कोख मे दुनिया.. इस दुनिया से लाखों भली,
घुप्प अंधेरा मेरा घर मे था पर तेरी धड़कन थी नज़दीक वही!
आवाज़ को सुन मै राहत को पाती..तू संग संग ही रहती थी मेरे,
जिस्म मे तेरे रूह बसी जो.. मेरी पक्की साथी थी!
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