This Hindi poem highlights the today’s trend of youngsters who pays the bill to leave their parents in the old age home in their old age.
वो सूनी सी आँखें …..खोज रही थीं ….उस प्यार को कहीं ,
जो कभी बचपन में ….दिया था उन्होंने …..अपने जिगर के टुकड़े को ।
वो सूनी सी आँखें …..खोज रही थीं …..उन शब्दों को कहीं ,
जो सिखाए थे बचपन में ….उन्होंने अपने होठों से कभी ।
सामने खड़ा उनका …..वो “बेटा” ही था ,
जो आज उन्हें ….इस “Old Age Home” में छोड़ने आया था ।
सामने खड़ा उनका ……वो “बेटा” ही था ,
जो उनके कदमों को भी अब …..अपने दिल से मिटाने आया था ।
वो सूनी सी आँखें ……उसकी इस गुस्ताखी पर भी …..नाराज़ ना थी ,
वो सूनी सी आँखें ……उसकी ऐसी मोहब्बत पर भी ……हैरान न थी ।
रहेंगे वह माँ-बाप उसके सदा …..चाहे “वो” उन्हें ….इस तरह से प्यार करे ,
तकेंगी ये आँखें उसको सदा …..चाहे “वो” इस जनम में …..कितना भी अपराध करे ।
वो सूनी सी आँखें ……उसकी सिर्फ सलामती की ….दुआ करने आई थीं ,
वो सूनी सी आँखें ……उसकी हर ख़ुशी में …..अपनी ख़ुशी ढूँढने आई थीं ।
वो सूनी सी आँखें ……उसकी मजबूरी की ……कहानी सुनने आई थीं ,
वो सूनी सी आँखें ……उसकी कही कहानी में अपना ….नाम~ओ~निशान मिटाने आई थीं ।
कितना वीभत्स था वो नज़ारा ……जब इतनी आह में उन्होंने ….अपना नया आशियाँ सँवारा ,
वो सूनी सी आँखें …..फिर भी उस आशियाने के …..दीप जलाने आई थीं ।
वो सूनी सी आँखें …..अपने बेटे के चेहरे पर …..एक मुस्कान देने आई थीं ,
वो सूनी सी आँखें …..अपने अंत होते जीवन काल का …..एक इतिहास रचने आई थीं ।
कभी “उसे” लाने को …..अस्पताल का बिल ….उन सूनी सी आँखों ने भरा था ,
आज ऐसे ही एक बिल की Copy …..वो सूनी सी आँखें …..अपने Purse में सँजोने आई थीं ।
वो सूनी सी आँखें …..जाते-जाते भी …..”उसे” एक आशीर्वाद देने आई थीं,
वो सूनी सी आँखें …..इस शहरी ज़िदगी की ……एक अजब तस्वीर दिखाने आई थीं ॥
A Message To All-
Parents are our Assets in the Old Age,
So don’t try to put them in an “Old Age Home” cage.