“भ्रष्ट” …. देश की जनता है ……या सरकार?
चलो एक बार सोच कर करें, इस सवाल पर भी विचार ।
सरकार अगर करती है घोटाले ….
तो जनता “राष्ट्रीय सम्पत्ति ” को ,करती है अपने हवाले ।
मंत्री अगर अपने दौरे के लिए ,करता खर्च रुपये करोड़ …
जनता भी तो बिन किराए के ,लगाती बसों में सफ़र करने की होड़ ।
सरकार अगर बजट में …कीमतों के दाम बढाती ,
जनता हेरा-फेरी कर ,उन्ही कीमतों को ठिकाने लगाती ।
सरकारी आदमियों के लिए ,”पांच-सितारा ” होटल में ठहरने की व्यवस्थाएँ …..
प्रॉपर्टी डीलर हड़प जाते हैं, सरकारी आवासीय योजनायें ।
सरकार ने बढ़ाए ……बिजली के दाम,
जनता ने तार डालकर मीटर को घुमाया ,चुराने के लिए सरकारी बिजली खुल~ए ~आम।
सरकार ने पार्टियों में किये,दारु -भोजन पर लाखों खर्च …..
जनता ने भी किया ,”मिड-डे -माल ” के लिए मिली राशि को त्रस्त ।
सरकार ने लिया …..”विदेशी ” देशों से उपहार,
‘वृद्धा -पेंशन ” को हड़प लिया ,उच्च वर्ग के लोगों ने रिश्वत के बल पर आर-पार ।
सरकार ने “सब्सिडी” से बनवाये ….अपने कट -आउट विशाल ,
सरकारी अस्पताल में, मुफ्त दवाईयों की कमी दिखाकर मचा बवाल।
लोकसभा में हो गयी है …. पहले से ही “मत्रियों” के बेटों की बुक सीट,
“रिश्वत” को बढावा देकर जनता पा रही ,सरकारी नौकरियों में सीट ।
जब सरकार और जनता दोनों ही ….. पूरी तरह से भ्रष्ट ,
तो कैसे आएगा …..इस देश में “लोकतंत्र “?
सिर्फ अकेला एक आदमी …..कैसे भ्रष्टाचार को मिटाएगा ?
या तो सरकार के ज़ुल्मों को सहेगा ,या जनता के बहिष्कार को गले लगाएगा ।
जब दोनों ही हैं चोर-चोर, मौसेरे भाई ……
तो “भ्रष्टाचार ” से लड़ने की बात करके ,क्यों उढ़वाएँ जग हँसाई ?
A Message To all-
Both “Government” and “Public” is Corrupt,
“System” will change when They Both get Trust,
So This fight is going on …….. Untill the Root ends
Save “India” For those Who are deeply dedicated with Sentiments.